प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना की 21वीं किस्त का इंतजार देशभर के किसानों को है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए यह खुशखबरी अब आ चुकी है! केंद्र सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है।
जम्मू-कश्मीर के किसानों को मिली राहतकेंद्र सरकार ने बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश से प्रभावित जम्मू-कश्मीर के 8.55 लाख किसानों को राहत देने के लिए 7 अक्टूबर को 21वीं किस्त को समय से पहले जारी कर दिया। इस कदम से किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है।
171 करोड़ रुपये सीधे खातों मेंकेंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के कृषि भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 171 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की। इस राशि से 85,418 महिला किसानों को भी लाभ मिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक जम्मू-कश्मीर के किसानों को पीएम किसान योजना के तहत 4,052 करोड़ रुपये की मदद दी जा चुकी है।
पीएम किसान योजना: क्या है खास?2019 में शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना किसानों के लिए एक बड़ा सहारा है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में, यानी हर चार महीने में 2,000 रुपये, सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाती है। इस योजना का मकसद किसानों की आय को स्थिर करना और उनकी खेती की जरूरतों को पूरा करना है।
आपदा में सरकार का साथकेंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के किसानों के साथ हर कदम पर खड़ी है। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। 21वीं किस्त को समय से पहले जारी करना हमारा वादा है कि हम किसानों की हर जरूरत को पूरा करेंगे।”
पहले भी मिल चुकी है अग्रिम मददयह कोई पहला मौका नहीं है जब सरकार ने समय से पहले किस्त दी हो। सितंबर 2025 में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसानों को भी भारी बारिश और बाढ़ के कारण 21वीं किस्त पहले दी गई थी। इन राज्यों में भी प्राकृतिक आपदाओं ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था।
अब तक की उपलब्धियांजम्मू-कश्मीर में 8.55 लाख किसानों को इस योजना से सीधा लाभ मिला है। अब तक कुल 4,052 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है, जिसमें महिला किसानों को भी बराबर का हिस्सा मिला है। यह योजना न सिर्फ आर्थिक मदद देती है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद कर रही है।
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