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ठाकरे बंधुओं की मानसिकता देश व भाषा के प्रति दूषित : शांडिल्य महाराज

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प्रयागराज, 18 अप्रैल . महाराष्ट्र नव निर्माण सेवा प्रमुख राज ठाकरे के हिन्दू और हिन्दी को लेकर दिए गए बयान पर साधु संतों का गुस्सा भड़क उठा है. राज ठाकरे ने कहा है कि “मैं हिन्दू हूं, लेकिन हिन्दी नहीं“. उनके इस बयान को लेकर श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर जगदगुरु नारायणाचार्य शांडिल्य महाराज ने राज ठाकरे के साथ ही शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को गद्दार बताते हुए कड़ी चेतावनी दी है.

उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं जो मुगलों के आने पर उनकी चमचागिरी कर रहे थे. जगद्गुरु शांडिल्य महाराज ने कहा कि आज अगर छत्रपति शिवाजी महाराज होते तो वह भी उनके बयानों से शर्मसार हो जाते. हिन्दी से हिन्दू है और हिन्दू से हिन्दी है. दोनों को कतई अलग नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मानसिकता दूषित हो गई है, जिससे आज हिन्दुओं के खिलाफ ठाकरे बंधु जहर उगल रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मराठी भाई अलग नहीं है. हिन्दी भाषा किसी पर थोपी नहीं जा रही है. बल्कि हिन्दी सर्व धर्म सर्वभाव की भाषा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ठाकरे बंधु राष्ट्र विरोधी कार्य करेंगे, तो उन्हें भी महाराष्ट्र के बाहर जाना पड़ेगा.

अगर ठाकरे बंधु भारत माता और हिन्दू व हिन्दी के खिलाफ जहर उगलेंगे तो उनका सर्वनाश हो जाएगा. शांडिल्य महाराज ने कहा है कि हमारी हिन्दी भाषा सर्वश्रेष्ठ थी और सर्वश्रेष्ठ रहेगी. उन्होंने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को हिन्दी भाषा को लेकर राजनीति न करने की कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा भारत माता, हिन्दू और हिन्दी के प्रति बयानबाजी करने से राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को बाज आना चाहिए और सुधर जाना चाहिए. कहा कि मराठी भी हमारी भाषा है हमने कभी उसको अलग नहीं माना है, लेकिन हिन्दी के प्रति भेदभाव ठाकरे बंधुओं की दूषित मानसिकता का नतीजा है.

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/ विद्याकांत मिश्र

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