रामगढ़, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
अज़रबैजान से पकड़कर एटीएस की टीम ने कुख्यात अपराधी मयंक सिंह को रामगढ़ कोर्ट में पेश किया। शनिवार को कोर्ट में पेशी के बाद एसीजेएम संदीप कुमार बर्तम की अदालत ने उसे रामगढ़ जेल भेज दिया। इस दौरान एटीएस की तरफ से सहायक लोक अभियोजक की ओर से रखी गई दलील को कोर्ट ने नहीं माना। एटीएस को मयंक सिंह उर्फ सुनील कुमार मीणा उर्फ सुनील कुमार का रिमांड नहीं मिल पाया।
एटीएस की तरफ से रखी गई यह दलील
एटीएस की ओर से पक्ष रखते हुए सहायक लोक अभियोजक इंद्रजीत मृणाल आनंद ने अदालत से अनुरोध किया कि मयंक सिंह के खिलाफ झारखंड में 48 मामले दर्ज हैं। उन सभी मुकदमों में बेहतर अनुसंधान की आवश्यकता है। इसलिए मयंक सिंह को पुलिस रिमांड में भेजा जाए। वहीं मयंक सिंह की तरफ से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता मोहन महतो ने अदालत को बताया कि पतरातू भदानीनगर कांड संख्या 175/2022 में पुलिस ने अपनी कार्रवाई पूरी कर दी है। मयंक सिंह के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट भी जमा कर दिया है। इसलिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 167 के तहत अग्रिम अनुसंधान के लिए पुलिस रिमांड पर नहीं भेजा जा सकता है। एसीजेएम की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मयंक सिंह को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
मयंक सिंह के हाथों में था आपराधिक गिरोह का रिमोट
राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर जिला अंतर्गत नई मंडी घड़साना थाना क्षेत्र के पुरानी मंडी का रहने वाला मयंक सिंह उर्फ सुनील कुमार मीणा और सुनील कुमार बेहद शातिर अपराधी है वह कई बड़े गिरोह के साथ जुड़ा हुआ है उन गिरोह का रिमोट भी उसके हाथ में रहा है। झारखंड और छत्तीसगढ़ में मयंक सिंह के गैंग से जुड़ कर उसने कई लोगों को धमकी दी। व्यापारियों, ठेकेदारों और अन्य लोगों से रंगदारी मांगी। इसके अलावा उसके ताल्लुकात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ भी रहे हैं।
दिलीप दांगी ने दर्ज कराई थी रंगदारी मांगने की प्राथमिकी
रामगढ़ जिले के भदानीनगर ओपी क्षेत्र के रहने वाले आजसू पार्टी के जिला अध्यक्ष और व्यवसायी दिलीप कुमार दांगी ने रंगदारी के प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वर्ष 2022 में उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके फोन पर मयंक सिंह के द्वारा कॉल किया गया और फिर उनसे रंगदारी मांगी गई। साथ ही उन्हें धमकियां भी मिली थी। इस मामले में पुलिस ने पूरी जांच की और मामले को सत्य पाया। साथ ही पुलिस ने अपराधी मयंक सिंह को पकड़ने के लिए जी तोड़ मेहनत की। लेकिन विदेश भाग जाने के कारण मयंक सिंह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा था। इस मामले में एटीएस की टीम ने कार्रवाई की और मयंक को अज़रबैजान से पड़कर झारखंड ले आई।
रामगढ़ कोर्ट के अंदर और बाहर सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम
अमन साहू गैंग को हैंडल करने वाला मयंक सिंह जब गिरफ्तार हुआ तो रामगढ़ में भी हलचल मच गई। शनिवार को जैसे ही यह खबर आई कि एटीएस की टीम उसे लेकर कोर्ट आ रही है, तो सभी अधिकारी सक्रिय हो गए। पुलिस ने व्यवहार न्यायालय के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। जैसे ही मयंक सिंह को लेकर एटीएस की टीम कोर्ट पहुंची, कोर्ट के दरवाजे बंद कर दिए गए। लगभग 4 घंटे तक मयंक सिंह अदालत में मौजूद रहा। कागज़ी करवाई पूरी करने के दौरान मयंक सिंह को एंटी लैंड माइंस वाहन में बैठ कर रखा गया। इसके अलावा आम नागरिकों का प्रवेश भी कोर्ट के अंदर प्रतिबंधित कर दिया गया। गेट के बाहर भी पुलिस मौजूद थी और किसी को भी वहां खड़े रहने
की इजाजत नहीं थी।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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