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हिन्दी सिर्फ भाषा ही नहीं, बल्कि एक संस्कृति है : महाप्रबंधक

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–राजभाषा पखवाड़ा का मुख्य समारोह एवं पुरस्कार वितरण आयोजित

Prayagraj, 30 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . हिन्दी सिर्फ एक भाषा ही नहीं, बल्कि एक संस्कृति है. हिन्दी उन राष्ट्रीय मूल्यों की प्रतीक है, जो हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत से प्राप्त हुए हैं. ये हमारे संविधान की मूल भावना को प्रदर्शित करते हैं. इन्हीं कारणों से 14 सितम्बर, 1949 को हिन्दी को राजभाषा का संवैधानिक दर्जा दिया गया. यह बातें उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने कही.

मंगलवार को महाप्रबंधक ने राजभाषा पखवाड़ा के मुख्य समारोह एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया. तत्पश्चात् उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर मध्य रेलवे का सम्पूर्ण कार्य क्षेत्र साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत का गढ़ रहा है. यह क्षेत्र सुविख्यात हिन्दी साहित्यकारों की जन्मस्थली अथवा कर्मस्थली रही है और इस क्षेत्र में हिन्दी समृद्ध और परिष्कृत हुई है. Prayagraj को तो साहित्य एवं संस्कृति की राजधानी भी कहा जाता है. यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि हमें ऐसी महान कर्मभूमि से जुड़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ है.

महाप्रबंधक ने आगे कहा कि सूर, तुलसी, मैथिलीशरण गुप्त, महावीर प्रसाद द्विवेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा और हरिवंशराय बच्चन जैसे कवियों और रचनाकारों के महान योगदान एवं यश के साक्षी इस साहित्यिक अंचल में कार्य करते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का नैतिक दायित्व है कि हम पूरी कर्तव्यभावना के साथ अपने सभी कार्यों में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करें.

नरेश पाल सिंह ने कहा कि हमारे रेलवे के स्टेशन धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं, जहां बहुत बड़ी संख्या में देश-विदेश के यात्रियों का आवागमन होता है. वर्तमान में, सभी प्रमुख Indian भाषाओं के साथ हिन्दी के अधिकाधिक समन्वय और साहचर्य द्वारा भाषाई सौहार्द एवं सद्भावना के महत्व को रेखांकित किया जा रहा है. इसी परिप्रेक्ष्य में महाकुम्भ मेला में विभिन्न प्रांतों के हिंदीतर भाषी यात्रियों की सुविधा के लिए Prayagraj स्थित स्टेशनों पर यात्री सेवा एवं सुविधा से संबंधित आवश्यक सूचनाएं हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य Indian भाषाओं में भी प्रसारित की गईं.

इस अवसर पर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी जे. सी.एस बोरा ने कहा कि हमारा देश विविध भाषाओं एवं बोलियों वाला विशाल देश है. इन सभी भाषाओं में हिन्दी का संवैधानिक एवं राष्ट्रीय दृष्टि से विशिष्ट महत्व है. उन्होंने कहा कि कम्प्यूटरों पर हिन्दी में काम-काज बढ़ाने के लिए निरंतर हिन्दी कार्यशालाए, हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकारों की जयंती के अवसर पर संगोष्ठियां, साहित्यिक कार्यक्रम, महत्वपूर्ण अवसरों के उपलक्ष्य में मुख्यालय तथा मंडलों और कारखानों में कवि सम्म्लेन, काव्यपाठ एवं निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं तथा राजभाषा प्रदर्शनी लगाई गई. उन्होंने बताया कि हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य के लिए उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, Prayagraj का चल वैजयंती प्राप्त हुआ.

वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि इस अवसर पर विभागों में हिन्दी में किए जा रहे कार्यों की आकर्षक राजभाषा प्रदर्शनी लगाई गई. राजभाषा प्रदर्शनी में सिगनल एवं दूरसंचार विभाग को सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शनी की शील्ड प्रदान की गई तथा यांत्रिक विभाग को द्वितीय और भंडार को तृतीय पुरस्कार की शील्ड प्रदान की गई. इसके अतिरिक्त प्रतियोगिताओं के विजेता और हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 91 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पुरस्कार प्रदान किया गया. इस अवसर पर महाप्रबंधक ने मुख्यालय में राजभाषा पखवाड़ा प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों में निर्णायक और समन्वयकर्ता के रूप में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी यथार्थ पाण्डेय ने किया.

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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