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वोटर सूची मैचिंग में पिछड़ रहा बंगाल, चुनाव आयोग चिंतित

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कोलकाता, 01 नवंबर (Udaipur Kiran) .

West Bengal में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही पूरे राज्य में वर्ष 2002 की मतदाता सूची के साथ वर्तमान मतदाता सूची का “मैपिंग व मैचिंग” कार्य किया गया है. चुनाव आयोग के अनुसार वर्तमान में सात करोड़ 66 लाख 37 हजार 529 मतदाताओं में से मात्र 52 प्रतिशत का ही मिलान हो पाया है. पड़ोसी Bihar में यह दर 60 प्रतिशत रही थी. ऐसे में बंगाल की स्थिति को लेकर आयोग की चिंता बढ़ा रही है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, राजधानी के आसपास के जिलों में स्थिति और अधिक चिंताजनक है. हावड़ा में मैचिंग 38 प्रतिशत पर अटकी है, उत्तर 24 परगना में 41 प्रतिशत और दक्षिण 24 परगना में 45 प्रतिशत का ही मिलान संभव हो पाया है. दक्षिण कोलकाता में यह दर 35 प्रतिशत जबकि उत्तर कोलकाता में 55 प्रतिशत दर्ज की गई है. इन जिलों में दो सूचियों के बीच कम मैचिंग के कारण आधे से अधिक मतदाताओं को एसआईआर के दौरान दस्तावेज़ जमा करने होंगे.

अन्य सीमावर्ती जिलों में भी स्थिति संतोषजनक नहीं है. पश्चिम बर्द्धमान में मैचिंग का स्तर मात्र 31 प्रतिशत दर्ज हुआ है, जबकि यहां आबादी में कमी नहीं आई है. अधिकारियों का मानना है कि वर्ष 2002 से अब तक लाखों मतदाताओं की मृत्यु, या कार्य कारणों से उनका पलायन जैसे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इतने कम औसत मिलान की ठोस वजह अभी सामने नहीं आई है.

हालांकि कुछ जिलों में मिलान दर तुलना में बेहतर रही है. हुगली में 56 प्रतिशत, पश्चिम मेदिनीपुर में 64 प्रतिशत और पूर्व मेदिनीपुर में 67 प्रतिशत मैचिंग मिली है. इसके अलावा कूचBihar में 48, अलीपुरद्वार में 54, कलिम्पोंग में 65, उत्तर दिनाजपुर में 44, दक्षिण दिनाजपुर में 55, मालदा में 50, मुर्शिदाबाद में 56, नदिया में 51, पुरुलिया में 63, बांकुड़ा में 79, बीरभूम में 53, पूर्व बर्द्धमान में 73 और झाड़ग्राम में 51 प्रतिशत का मिलान हुआ है. अधिकांश जिलों में यह दर कुल 45 से 65 प्रतिशत के बीच घूम रही है.

कम औसत मैचिंग दर को देखते हुए आयोग ने इसे गंभीर चुनौती माना है और संबंधित जिलों में कारणों की विस्तृत पड़ताल शुरू कर दी है, ताकि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन किया जा सके.

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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