महोत्सव के अंतिम दिन 13 नवंबर को दादी विवाहोत्सव, 56 भोग श्रृंगार की आरती
वाराणसी,4 नवंबर (Udaipur Kiran) . Uttar Pradesh की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी) में कार्तिक पूर्णिमा पर बुधवार को रामकटोरा स्थित राणीसती दादी मंदिर में रंगोली व दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा. मंदिर में आयोजित 13 दिवसीय मंगल महोत्सव में राणी सती दादी मंगल कलश व ध्वज प्रभात फेरी में बड़ी संख्या में मारवाड़ी और अग्रवाल समाज के युवा पूरे उत्साह के साथ भागीदारी कर रहे हैं. मंदिर में सुबह भजन-कीर्तन प्रस्तुत करने में भी युवतियां भी शामिल हो रही हैं.
यह जानकारी महोत्सव के आयोजन से जुड़े निधिदेव अग्रवाल ने मंगलवार को दी. उन्होंने बताया कि राणी सती दादी के रूप में पूजनीय नारायणी देवी को महाभारत काल में वीर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के पुनर्जन्म की मान्यता है. मंगल महोत्सव में 5 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा को रंगोली व दीपोत्सव, 7 नवंबर को जंवा फूलों से अभिषेक, 8 नवंबर को फूलों की होली, 9 नवंबर को गजरा उत्सव, 10 नवंबर को हल्दी उत्सव, 11 नवंबर को मेहंदी उत्सव, 12 नवंबर को चुनरी उत्सव एवं महोत्सव के अंतिम दिन 13 नवंबर को निधिदेव अग्रवाल और संजय झुनझुनवाला के संयोजन मे दादी विवाहोत्सव आयोजित है. इसमें पटना से आमंत्रित अर्चना टिबरेवाल व संध्या टेकरीवाल के सानिध्य में दोपहर एक बजे से सामूहिक मंगल पाठ व सायंकाल सात बजे 56 भोग श्रृंगार की आरती के साथ भजन संध्या होगी.
उन्होंने बताया कि गोलघर स्थित गौशाला से आज सुबह (मंगलवार)साढ़े छह बजे मंगलकलश व ध्वज प्रभात फेरी मंदिर तक निकली. प्रभातफेरी मैदागिन, पिपलानी कटरा, रामकटोरा होते हुए मंदिर तक आएगी. मंगलकलश व ध्वज प्रभात फेरी में लगभग सवा सौ महिलाएं मंगलकलश लेकर एवं लगभग 90 पुरुष ध्वज लहराते व भजन-कीर्तन करते चल रहे हैं. मार्ग में अनेक जगह क्षेत्रीय लोग प्रभात फेरी में चल रही राणीसती दादी की झांकी की आरती भी उतारी जा रही है.
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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