ऊना, 21 अप्रैल . प्रदेश सरकार के पंचायत सचिवों से पशु जनगणना करवाने के फैसले का हिमाचल प्रदेश पंचायत सचिव संघ खंड हरोली (जिला परिषद कैडर) ने विरोध जताया है. ब्लॉक प्रधान लखबीर सिंह लख्खी ने कहा कि कि सरकार का यह निर्णय न्यायसंगत नहीं है. यह कार्य पशुपालन विभाग से संबंधित है और इसे उसी विभाग के कर्मचारियों से करवाया जाना चाहिए. जब हर पंचायत में पशु औषधालय खुले हुए हैं और वहां विभागीय कर्मचारी तैनात हैं, तो यह काम पंचायत सचिवों से करवाना सरासर गलत है.
उन्होंने कहा कि सचिव पहले ही पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग के काम में बुरी तरह व्यस्त हैं. सचिव बीते तीन महीनों से प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वे करने में लगे हुए हैं, जो 30 अप्रैल तक चलेगा. इसके बाद बीपीएल सर्वे शुरू होगा, जिसमें भी लंबा समय लगेगा. इसके तुरंत बाद पंचायत चुनावों की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. ऐसे में सवाल उठता है कि सचिव पशु जनगणना कब करेंगे? प्रदेश के अधिकतर सचिवों के पास दो-दो पंचायतों का कार्यभार है. ऊपर से समय-समय पर विभिन्न विभागों के काम भी सचिवों को सौंपे जा रहे हैं, जिससे कार्य का बोझ असहनीय हो गया है.
उन्होंने सरकार पर वित्तीय उपेक्षा का भी आरोप लगाते हुए कहा कि जिला परिषद कर्मचारियों को 5 फीसदी महंगाई भत्ता, दो साल की बकाया वेतन वृद्धि और विभागीय विलय जैसी मूलभूत सुविधाएं आज तक नहीं दी गईं, जबकि अन्य सरकारी विभागों को ये लाभ दिए जा चुके हैं. सरकार से मांग की है कि पशु जनगणना का कार्य पशुपालन विभाग को सौंपा जाए और पंचायत सचिवों को उनके मूल कार्यों तक सीमित रखा जाए. यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिझा तो सचिव वर्ग विरोध के लिए बाध्य होगा.
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/ विकास कौंडल
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