भोपाल, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इस वर्ष पुष्य नक्षत्र का विशेष योग दो दिनों तक रहेगा, जिससे बाजारों में खरीदी की जोरदार हलचल देखने को मिलेगी. आज मंगलवार प्रातः 11:10 बजे से प्रारंभ होकर बुधवार 15 अक्टूबर दोपहर 12:30 बजे तक यह शुभ नक्षत्र का योग है. इस दौरान मंगलवार को सिद्धि योग और बुधवार को साध्य योग का संयोग बनेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह संयोग स्थायी समृद्धि और सफलता देने वाला रहेगा. दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों के लिए विशेष ऑफर और छूट की योजनाएं तैयार की गई हैं.
पुष्य नक्षत्र के अवसर पर धार्मिक आयोजन, दान-पुण्य और गृह उपयोगी वस्तुओं की खरीद भी शुभ मानी जाती है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस नक्षत्र में किया गया दान न केवल पुण्यदायी होता है बल्कि व्यक्ति के जीवन में स्थायी सुख और धन की वृद्धि करता है. पुष्य नक्षत्र का यह दो दिवसीय शुभ काल न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से बल्कि आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. शनि और गुरु के प्रभाव से यह काल धन, समृद्धि और स्थायित्व का प्रतीक बन जाता है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि इस अवसर पर हर व्यक्ति को अपनी क्षमता अनुसार कोई न कोई वस्तु अवश्य खरीदनी चाहिए, जिससे जीवन में स्थायी शुभता और उन्नति प्राप्त हो सके.
इस बार पुष्य नक्षत्र पर ग्रहों का विशेष केंद्र-त्रिकोण योग बन रहा है, जिसमें शनि और बृहस्पति का प्रभाव रहेगा. ज्योतिषाचार्य पं. हरिहर पंड्या का कहना है कि पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और देवता बृहस्पति हैं. यह नक्षत्र 27 नक्षत्रों में आठवें स्थान पर आता है और “पोषण” का प्रतीक है. जब यह नक्षत्र शनि और बृहस्पति से प्रभावित होता है तो यह धन, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक बन जाता है. पं. पंड्या के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाला पुष्य नक्षत्र अत्यंत फलदायी माना जाता है. इस बार मंगलवार को “भोम पुष्य” नक्षत्र बन रहा है, जो कार्यों की सिद्धि और सफलता के लिए शुभ है. इस अवधि में कोई भी नया कार्य, निवेश या व्यापार प्रारंभ करना अत्यंत लाभकारी रहेगा.
बाजारों में तैयारियां पूरी, ग्राहकों का इंतजार
मध्य प्रदेश के सभी शहरों के बाजारों में पुष्य नक्षत्र को लेकर जबरदस्त तैयारी की गई है. दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान सजा लिए हैं और ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. व्यापारियों को इस बार करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक के व्यापार की उम्मीद है. इस साल जीएसटी में कमी आने के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में विशेष तेजी देखने की संभावना जताई जा रही है.
सोना-चांदी के दाम आसमान पर
प्रदेश के ग्वालियर शहर के प्रसिद्ध ज्वेलर्स कनक आभूषण टोपी बाजार की ओर से बताया गया कि इस बार बाजार में सोना और चांदी में खरीदारी का अनुभव यह सामने आ रहा है कि ग्राहकों को कम वजन की लेकिन आकर्षण ज्वेलरी चाहिए, जिसकें लिए हमने अपनी तैयारी की है. चांदी के दाम ₹1,80,000 प्रति किलो और सोने के ₹1,29,000 प्रति तोला तक पहुंच जाने के कारण से ज्यादातर ग्राहक सस्ते में अपने शोक का पूरा आनन्द लेना चाहते हैं. वहीं, भोपाल के अग्रवाल ज्वेलर्स की ओर से कहा गया कि महंगाई का असर ज्वेलरी गहना व्यापार पर भी हुआ है, लेकिन हमें उम्मीद है कि दीपावली के पूर्व बाजार रोनक रहता आया है, अभी भी हमारे यहां ग्राहकों में कोई कमी नही आई है. ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत सोनी के अनुसार, इस बार बाजार में सोना और चांदी की भारी कमी बनी हुई है. ऊंचे भावों के कारण ज्वेलरी बाजार में भीड़ अपेक्षाकृत कम रहने की संभावना है. फिर भी हम उम्मीद यही कर रहे हैं कि पुष्य नक्षत्र होने से खरीदारी अच्छी होगी .
खरीदारी के शुभ मुहूर्त
भोम पुष्य नक्षत्र में मंगलवार को प्रातः 11:54 बजे से रात्रि तक खरीदारी के शुभ मुहूर्त रहेंगे. अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:44 से दोपहर 12:30 तक तथा अमृत काल सायं 6:09 से 7:37 बजे तक रहेगा. वहीं दोपहर 2:59 से अपराह्न 4:25 बजे तक राहुकाल रहेगा, इस दौरान शुभ कार्यों से बचना चाहिए.
क्या खरीदें इस पुष्य नक्षत्र पर
ज्योतिषाचार्य पं.हरिहर पण्ड्या ने बताया कि पुष्य नक्षत्र पर कुछ न कुछ खरीदना अनिवार्य माना गया है, क्योंकि यह स्थायी समृद्धि का प्रतीक होता है. शनि और बृहस्पति दोनों ग्रहों से संबंधित वस्तुओं की खरीद विशेष रूप से शुभ मानी जाती है. इसलिए महिलाएं इस दिन स्वर्ण या रजत आभूषण, सिक्के आदि खरीदें. पुरुष व्यापार या नौकरी से संबंधित बहीखाता, कलम इत्यादि लें, जबकि विद्यार्थी शिक्षा से जुड़ी वस्तुएं जैसे कॉपी, किताबें, पेंसिल आदि खरीद सकते हैं.
गुरु (बृहस्पति) से संबंधित वस्तुएं:
सोना, बहीखाता, धार्मिक वस्तुएं, नई पॉलिसी, बैंक एफडी
मंडी सौदे, रत्न, पशुधन, खाद-बीज जैसी कृषि वस्तुएं
शनि से संबंधित वस्तुएं:
वाहन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, फैक्ट्री उपकरण, नई दुकान या प्रतिष्ठान
कपड़े, बर्तन, सोफा सेट, औद्योगिक व रासायनिक वस्तुएं
पुष्य नक्षत्र का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. भरत शर्मा के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्यों का फल स्थायी होता है. इस नक्षत्र का स्वामी शनि है जो कर्म, अनुशासन और स्थिरता का प्रतीक है, जबकि देवता बृहस्पति ज्ञान और विस्तार के प्रतीक हैं. इन दोनों के प्रभाव से इस नक्षत्र में की गई खरीदारी या निवेश दीर्घकालिक लाभ प्रदान करते हैं. साथ ही पं. बालचंद्र दुबे का कहना है कि पुष्य नक्षत्र का योग घर-परिवार में समृद्धि लाने वाला होता है. इस अवधि में गृह प्रवेश, वाहन क्रय, व्यवसाय आरंभ या किसी नई योजना की नींव रखना अत्यंत शुभ माना गया है.
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
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