हावड़ा, 3 जून .
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 16, विशेष रूप से रानिहाटी काली मंदिर से लेकर नाउपाला (कोलाघाट शरत सेतु) तक का लगभग 39 किलोमीटर का खंड, आम जनता और वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. हालिया रिपोर्ट के अनुसार इस मार्ग पर 22 ‘ब्लैक स्पॉट ज़ोन’ मौजूद हैं, जो लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2024 में इस मार्ग पर 163 लोगों की मृत्यु हुई थी, जबकि वर्ष 2025 के केवल 5 महीनों में ही 50 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. इसका मुख्य कारण फुट ओवरब्रिज और सर्विस रोड का न होना है.
हावड़ा ग्रामीण पुलिस द्वारा ट्रैफिक नियंत्रण, नाइट पेट्रोलिंग और जन जागरूकता अभियान जैसे कई प्रयास किए जा रहे हैं. बावजूद इसके, नियमों के पालन में लापरवाही के कारण हादसों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.
हावड़ा ग्रामीण जिला पुलिस अधीक्षक सुबिमल पाल ने कहा कि पुलिस अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा- हम लगातार ट्रैफिक पेट्रोलिंग, हेलमेट चेकिंग और नियम उल्लंघन पर कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन जब तक आम नागरिक ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करेंगे, तब तक हादसों में कमी लाना कठिन है.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साइट इंजीनियर सौरभ सिन्हा ने बताया कि फ्लाईओवर और अंडरपास निर्माण में भूमि संबंधी समस्याएं और कानूनी जटिलताएं आ रही हैं, जिन्हें हल करने के लिए प्रशासन के साथ बैठकें की जा रही हैं.
/ अनिता राय
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