काबुल, 08 मई . तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) कल एक-दूसरे पर हमला न करने पर सहमत हो गए. एनआरएफ ऐसा सैन्य गठबंधन है, जो तालिबान के दमनकारी शासन के खिलाफ अफगानों को लामबंद करता है. इसको प्रतिरोध मोर्चा भी कहा जाता है. इसके नेता अहमद मसूद हैं. हमले रोकने की रजामंदी बुधवार दोपहर परवान प्रांत के केंद्र में दोनों पक्षों के बीच हुई .
टोलो न्यूज के अनुसार, इस पहली बैठक में अहमद मसूद के समर्थकों और तालिबान प्रतिनिधियों ने लड़ाई रोकने के विकल्पों पर चर्चा की. एनआरएफ की स्थापना अगस्त 2021 में अहमद मसूद ने की थी. एनआरएफ के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर अलमास जाहिद और छह सदस्यीय तालिबान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तालिबान के खुफिया उप नेता मोहम्मद मोहसिन हाशिमी ने किया.
इस बैठक में हिस्सा लेने वाले एनआरएफ के नेता मोहम्मद आलम एजेदयार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि दोनों पक्ष दूसरे दौर की वार्ता होने तक एक-दूसरे पर हमला नहीं करने पर सहमत हुए हैं. यह बैठक करीब तीन घंटे बाद समाप्त हुई. इस बीच, तालिबान प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि तालिबान पंजशीर के मुद्दे पर चर्चा करना चाहता था, लेकिन मसूद के समर्थक भावी सरकार की संरचना पर चर्चा करना चाहते थे. इसलिए वार्ता का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्लाह समांगानी ने कहा कि पंजशीर पर चर्चा शासन प्रणाली की समग्र संरचना पर केंद्रित रही. तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य नूरुल्लाह नूरी ने कहा कि आने वाले दिनों में चर्चा के नतीजे सामने आएंगे. अगर चर्चा का कोई नतीजा नहीं निकलता तो सैन्य हमले का विकल्प तो खुला ही है. प्रतिरोध मोर्चा के सदस्य हामिद सैफी ने कहा कि वार्ता के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं. इसके बावजूद, हमारे पास सभी सैन्य तैयारियां भी हैं.
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/ मुकुंद
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