जयपुर। भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने कक्षा 4वीं की अंग्रेजी की पुस्तक से मानगढ़ धाम पाठ हटाने को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स के माध्यम से से कहा कि 1913 में मानगढ़ पर गोविंद गुरु के नेतृत्व में हजारों भील आदिवासियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बलिदान दिया था।
आज उसी बलिदान को वर्तमान राज्य सरकार ने कक्षा 4 की अंग्रेजी पुस्तक से हटाकर शहीदों के सम्मान के साथ साथ आदिवासी अस्मिता पर भी गम्भीर आघात किया है। यही सरकार कुछ समय पहले ही भील वीरांगना कालीबाई का इतिहास भी पाठ्यक्रम से हटा चुकी है। कक्षा 4वीं के अंग्रेजी की पुस्तक में पेज संख्या 88 से 96 तक मानगढ़ नरसंहार के बारे में जो पाठ था, उस पाठ को वर्तमान राज्य सरकार ने हटाकर पूरे आदिवासी समुदाय के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात किया है।
आदिवासी समाज के इतिहास को मिटाने का काम कर रही है सरकार
सांसद राजकुमार रोत ने इस संबंध में आगे कहा कि जब से वर्तमान सरकार बनी, तब से आदिवासी समाज के इतिहास को मिटाने का काम कर रही है। पहले भील वीरांगना काली बाई कलासूआ रास्तपाल कांड के इतिहास को हटाया और अब मानगढ़ के इतिहास को हटा दिया। मानगढ़ खून से लहुलूहान वह स्थल है, जहां 1913 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ गोविंद गुरु के नेतृत्व में हजारों भील आदिवासी शहीद हुए थे। आज बीजेपी सरकार में बैठे लोगों ने मानगढ़ इतिहास को पाठयक्रम से हटा कर शहीदों के साथ घोर अपमान किया है।
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