इंटरनेट डेस्क। आपने देखा होगा की हर घर में पूजा के लिए मंदिर होता हैं और हम घर की सुख शांति और समृद्धि के लिए पूजा करते हैं, लेकिन क्या आपको यह भी पता हैं कि पूजा के दौरान भी वास्तु नियमों का ध्यान रखना पड़ता है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने का एक माध्यम माना गया है। ऐसे में अगर आप पूजा-पाठ के दौरान कुछ वास्तु नियमों की अनदेखी करते हैं, तो इससे आप पूर्ण फल की प्राप्ति से वंचित रह सकते हैं। तो इन बातों का रखें ध्यान।
किस दिशा में होना चाहिए मंदिर
सुख-समृद्धि के लिए घर के मंदिर में वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, घर में मंदिर बनवाने की सही दिशा उत्तर-पूर्व या फिर पूर्व है। ऐसे में अगर इन दिशाओं का ध्यान नहीं रखा जाता तो, इससे व्यक्ति को पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता।
कैसे करें पूजा
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि बैठकर पूजा करना अधिक शुभ फलदायी होता है। वहीं खड़े होकर पूजा करने का साधक को उतना फल नहीं मिलता हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य का प्रतीक है।
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