ढाका : भारत ने हाल ही में अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशियों को वापस भेजने के लिए अभियान शुरू किया है। इसके तहत 4 मई 2025 तक सैकड़ों लोगों को वापस भेजा जा चुका है। हाल ही में बांग्लादेशियों ने एक बार फिर सीमा पार कर देश में घुसने की कोशिश की, जिससे भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार (27 मई) सुबह असम-बांग्लादेश सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई।
बांग्लादेशियों को वापस भेजने के प्रयास
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) असम के कुरीग्राम और मनकाचर के दो अलग-अलग इलाकों में आमने-सामने आ गए। बीएसएफ के जवान 14 लोगों को वापस बांग्लादेश भेजने की कोशिश कर रहे थे, जिनमें 9 पुरुष और 5 महिलाएं थीं, जो नो-मैन्स लैंड में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
बीजीबी द्वारा अवरोध उत्पन्न करने का प्रयासइस बार, बांग्लादेश सीमा रक्षक (बीजीबी) बलों ने आवाजाही में बाधा डालने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बीएसएफ जवानों ने गोलीबारी की। लेकिन बीजीबी ने इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से संभाल लिया गया है। कुछ बांग्लादेशी सीमा पार करते हुए पकड़े गए। ये लोग अभी भी नो-मैन्स लैंड में फंसे हुए हैं।
असम सीमा पर भी तनावपूर्ण स्थिति
सोमवार (26 मई) को असम के मनकाचर सेक्टर में ठाकुर बारी सीमा पर भी तनावपूर्ण स्थिति है। यहां भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी हुई। बीजीबी ने भी झड़प को रोकने की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ ने शून्य रेखा पर गोलीबारी शुरू कर दी। कुछ समय के लिए पूरी स्थिति खराब हो गई थी।
फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। यद्यपि स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है, फिर भी तनाव बना हुआ है। ये सभी घटनाएं ऐसे समय में हो रही हैं जब बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है। इसके अलावा, भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। स्थिति अत्यंत नाजुक है।
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरताबांग्लादेश में इस समय राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की मांग हो रही है। इसके अलावा, बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा और अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इससे जनता में आक्रोश का माहौल पैदा हो गया है। इस तनाव के बीच मोहम्मद यूनुस ने एक राजनीतिक खेल खेला है।
यूनुस ने हिंदुओं पर टिप्पणी की है। उन्होंने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि इसके पीछे यूनुस का असली मकसद क्या है। क्योंकि इस समय बांग्लादेश में यूनुस की सरकार को उखाड़ फेंकने की तैयारियां चल रही हैं।
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