सुबह उठते ही सोशल मीडिया स्क्रॉल करना... दोस्तों को गुड मॉर्निंग मैसेज भेजना... या न्यूज़ देखना... यह हमारी रोज़ की आदत बन गई है। लेकिन यह आदत जब टॉयलेट के अंदर पहुँच जाती है,तो यह मनोरंजन नहीं,बल्कि एक खतरनाक बीमारी को बुलावा देने लगती है।जी हाँ,अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो टॉयलेट सीट पर बैठकर घंटों मोबाइल फोन चलाते हैं,तो यह खबर आपके लिए एक'चेतावनी'की तरह है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आपकी यह'छोटी सी आदत'आपकोपाइल्स (बवासीर)जैसी दर्दनाक बीमारी का मरीज़ बना सकती है।आखिर टॉयलेट में फोन चलाना इतना खतरनाक क्यों है?चलिए,इसके पीछे का सीधा और सरल विज्ञान समझते हैं।आप भूल जाते हैं कि आप टॉयले ट में हैं!जब हमारे हाथ में मोबाइल होता है और हम रील्स,वीडियो या चैटिंग में खो जाते हैं,तो हमारा दिमाग़ बाहरी दुनिया से कट जाता है। हमें समय का पता ही नहीं चलता। जो काम सामान्य रूप से5-7मिनट में हो जाना चाहिए,उसी में हम 20, 25या30मिनट तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहते हैं।असली समस्या है'देर तक बैठना'समस्या फोन चलाने में नहीं,बल्कि टॉयलेट सीट पर'देर तक बैठने'में है। जब आप कमोड पर लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं,तो आपके निचले मलाशय (Lower Rectum)की नसों पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है।क्या होता है इस दबाव से?इस लगातार दबाव के कारण,इन नसों में खून का बहाव ठीक से नहीं हो पाता और वहाँ सूजन आ जाती है। यही सूजी हुई नसें धीरे-धीरे पाइल्स (मस्सों) का रूप ले लेती हैं,जिनमें बाद में दर्द,खुजली और खून आने जैसी गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं।डॉक्टर क्या कहते हैं?डॉक्टरों का साफ कहना है कि पेट साफ करने की प्रक्रिया में10मिनट से ज़्यादा का समय नहीं लगना चाहिए। अगर आपको इससे ज़्यादा समय लग रहा है,तो इसका मतलब है कि आपको कब्ज़ जैसी कोई समस्या हो सकती है,जिसका इलाज कराना ज़रूरी है।आज से ही लें यह संकल्प:फोन को बाहर छोड़ें:टॉयलेट को अपना'डिजिटल डिटॉक्स ज़ोन'बनाएं। फोन को बाहर ही रखकर जाएं।समय सीमा तय करें:कोशिश करें कि आप10मिनट के अंदर टॉयलेट से बाहर आ जाएं।अगर कब्ज़ है,तो इलाज कराएं:अपनी डाइट में फाइबर (फल,सब्ज़ियां) बढ़ाएं,खूब पानी पिएं,और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से मिलें।आपका शरीर एक मंदिर है,उसे टॉयलेट में बैठकर मनोरंजन का अड्डा न बनाएं। यह एक छोटी सी आदत आपकी सेहत पर बहुत बड़ा और सकारात्मक असर डाल सकती है।
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