अच्छी नींद हमारी सेहत के लिए एक ज़रूरी ज़रूरत है। क्योंकि अगर आप अच्छी नींद लेंगे, तो यकीनन आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी। आपका दिन बहुत खुशनुमा रहेगा। इसीलिए बड़े-बुज़ुर्ग अक्सर अच्छी और सही मुद्रा में सोने की सलाह देते हैं।ऐसा भी कहा जाता है कि दक्षिण दिशा में पैर करके कभी नहीं सोना चाहिए। ऐसा करना न केवल धार्मिक कारणों से, बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी गलत माना जाता है। लेकिन इसका असली मतलब क्या है? दक्षिण दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोना चाहिए? इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या हैं? आइए इनके बारे में जानें। साथ ही, क्या इसका जीवन पर कोई प्रभाव पड़ता है? आइए जानें।दक्षिण दिशा में पैर करके न सोने के धार्मिक कारण क्या हैं?एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण दिशा यम का स्थान मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि इस दिशा में पैर करके सोने से आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए दक्षिण दिशा में पैर करके सोना गलत माना जाता है।दक्षिण दिशा में पैर रखे बिना सोने के वैज्ञानिक कारण?विज्ञान का मानना है कि रात में सोते समय हमारे शरीर में चुंबकीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। इससे नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट होती है। जिससे आरामदायक नींद आती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ऐसा माना जाता है कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों में चुंबकीय ऊर्जा अधिक होती है, जो दक्षिणी ध्रुव से उत्तर की ओर प्रवाहित होती है। इसलिए, यदि कोई दक्षिण दिशा में पैर करके सोता है, तो उसके शरीर की चुंबकीय ऊर्जा उसके सिर की ओर स्थानांतरित हो जाती है। इससे रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है।दक्षिण दिशा में पैर करके सोने के शारीरिक प्रभावउत्तर दिशा में सिर या दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से चुंबकीय ऊर्जा आपके पैरों से सिर की ओर प्रवाहित होती है। इससे सुबह उठने पर आपको तनाव महसूस हो सकता है, और अक्सर आप घंटों तक थका हुआ महसूस कर सकते हैं। चूँकि सिर चुंबकीय ऊर्जा से अधिक प्रभावित होता है, इसलिए यह ऊर्जा आपके पैरों से होकर प्रवाहित होती है, जिससे आप अधिक तरोताजा और तनावमुक्त महसूस करते हैं। इसलिए, दक्षिण दिशा में पैर करके सोना गलत माना जाता है।गलत दिशा में सोने से हो सकती हैं ये बीमारियांदक्षिण दिशा में पैर करके सोना कई बीमारियों को न्योता देने जैसा है। विज्ञान भी यही बताता है कि उत्तरी ध्रुव का चुंबकीय प्रभाव सिरदर्द, नींद न आने की समस्या, तनाव और लगातार चक्कर आने जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। भले ही ये गंभीर न हों, लेकिन भविष्य में ये गंभीर जोखिम या बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए, जितना हो सके दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से बचना चाहिए।
You may also like
भुवनेश्वर में चमकी मप्र की सोनम परमार, 5000 मीटर दौड़ में जीता गोल्ड
मेडिकल की छात्रा के आत्महत्या के मामले में प्रोफेसर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
गौतम बुद्ध नगर न्यायालय ने दिया कुशीनगर के डीपीओ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश
नगर निगम ने छठ घाटों की सफाई का काम किया तेज
कुड़मी समाज निम्न सभ्यता का फैला रहा भ्रम : ग्लैडसन