जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए ईरान और सऊदी अरब ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। शुक्रवार को ईरान ने अपने बयान में तनाव कम करने पर जोर दिया, वहीं सऊदी अरब ने भी स्थिति पर चिंता जताते हुए भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बातचीत की।
ईरान ने ऐतिहासिक संबंधों का हवाला दियाईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान, ईरान के पड़ोसी देश हैं और उनके साथ सदियों पुराने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध रहे हैं। अराघची ने कहा, “अन्य पड़ोसियों की तरह, हम भारत और पाकिस्तान को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि तेहरान इस कठिन समय में दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद और समझ बढ़ाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपने राजनयिक कार्यालयों का उपयोग करने को तैयार है।
सऊदी अरब का कूटनीतिक प्रयासभारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य तनाव की आशंकाओं के बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद ने भी पहल करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशहाक डार से टेलीफोन पर बातचीत की।
एस. जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई। इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले और इसके सीमा पार संबंधों पर चर्चा की गई।”
वहीं पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि विदेश मंत्री इशहाक डार को भी अल सऊद का फोन आया था, जिसमें पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति द्वारा भारत के एकतरफा कदमों के मद्देनजर लिए गए निर्णयों की जानकारी साझा की गई।
क्षेत्र में शांति की जरूरतपहलगाम हमले के बाद जिस तरह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है, उसे देखते हुए क्षेत्रीय शक्तियों द्वारा शांति और संवाद की अपील को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।
The post first appeared on .