इस्लामाबाद: पाकिस्तान तालिबान को गीदड़भभकी देने के बाद वापस वार्ता की मेज पर लौट आया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को तालिबान शासन को पाकिस्तान की अब तक की सबसे कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, कि अगर काबुल सीमा पार हमलों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने वाले आतंकवादियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहा, तो इस्लामाबाद "अफगानिस्तान में काफी अंदर तक" हमला करने से नहीं हिचकिचाएगा।
हैरानी की बात ये है कि इंस्ताबुल वार्ता से भागने के बाद जैसे ही तालिबान ने धमकी दी, पाकिस्तान वापस बातचीत की टेबल पर लौट आया। जबकि इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि इंस्ताबुल वार्ता नाकाम हो गई है। पाकिस्तान ने पहले कहा था कि इंस्ताबुल वार्ता में उसे तालिबान की तरफ से पाकिस्तान से होने वाले हमलों को रोकने को लेकर कोई गारंटी नहीं मिली और अफगानिस्तान शासन टालमटोल करता रहा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ही तालिबान से बात करते हुए हैरान करने वाला वर्ताव कर रहा था, जिसने वार्ता में मौजूद तुर्की और कतर के मध्यस्थों को भी हैरान कर दिया था।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में दी हमला करने की धमकी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हम हमले करेंगे और ऐसा हम निश्चित रूप से करेंगे।" उन्होंने कहा कि "यदि उनके क्षेत्र का उपयोग किया जाता है और वे हमारे क्षेत्र का उल्लंघन करते हैं, तो यदि हमें जवाबी कार्रवाई करने के लिए अफगानिस्तान में अंदर तक जाना पड़ा, तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।" इसके अलावा ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाते हुए कहा, कि पाकिस्तान ने बातचीत को लेकर पूरी ईमानदारी दिखाई, जबकि अफगान पक्ष इसमें बाधा डालने पर तुला हुआ था। उन्होंने कहा, "काबुल किसी भी समझौते के लिए किसी भी स्तर पर ईमानदार नहीं था। भारत के निर्देश पर और उसका प्रतिनिधि बनकर, फितना अल-हिंदुस्तान अफगानिस्तान के जरिए पाकिस्तान पर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है।"
बातचीत की टेबल पर वापस लौटा पाकिस्तान
ख्वाजा आसिफ एक तरफ धमकी दे रहे थे, वहीं पहले वार्ता से भागने वाला पाकिस्तान वापस बातचीत की टेबल पर पहुंच गया है। टोलो न्यूज ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस्तांबुल में मौजूद पाकिस्तानी वार्ता प्रतिनिधिमंडल, जो पाकिस्तान वापस लौट रहा था, उसे फिर से बातचीत में शामिल कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, कतर और तुर्की के मध्यस्थों ने फिर से तालिबान और पाकिस्तान को वार्ता की टेबल लाया। सूत्रों ने टोलोन्यूज को कल रात यह भी बताया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बिना किसी समझौते पर पहुंचे इस्तांबुल से वापस चला गया था।
हैरानी की बात ये है कि इंस्ताबुल वार्ता से भागने के बाद जैसे ही तालिबान ने धमकी दी, पाकिस्तान वापस बातचीत की टेबल पर लौट आया। जबकि इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि इंस्ताबुल वार्ता नाकाम हो गई है। पाकिस्तान ने पहले कहा था कि इंस्ताबुल वार्ता में उसे तालिबान की तरफ से पाकिस्तान से होने वाले हमलों को रोकने को लेकर कोई गारंटी नहीं मिली और अफगानिस्तान शासन टालमटोल करता रहा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ही तालिबान से बात करते हुए हैरान करने वाला वर्ताव कर रहा था, जिसने वार्ता में मौजूद तुर्की और कतर के मध्यस्थों को भी हैरान कर दिया था।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में दी हमला करने की धमकी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हम हमले करेंगे और ऐसा हम निश्चित रूप से करेंगे।" उन्होंने कहा कि "यदि उनके क्षेत्र का उपयोग किया जाता है और वे हमारे क्षेत्र का उल्लंघन करते हैं, तो यदि हमें जवाबी कार्रवाई करने के लिए अफगानिस्तान में अंदर तक जाना पड़ा, तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।" इसके अलावा ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाते हुए कहा, कि पाकिस्तान ने बातचीत को लेकर पूरी ईमानदारी दिखाई, जबकि अफगान पक्ष इसमें बाधा डालने पर तुला हुआ था। उन्होंने कहा, "काबुल किसी भी समझौते के लिए किसी भी स्तर पर ईमानदार नहीं था। भारत के निर्देश पर और उसका प्रतिनिधि बनकर, फितना अल-हिंदुस्तान अफगानिस्तान के जरिए पाकिस्तान पर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है।"
बातचीत की टेबल पर वापस लौटा पाकिस्तान
ख्वाजा आसिफ एक तरफ धमकी दे रहे थे, वहीं पहले वार्ता से भागने वाला पाकिस्तान वापस बातचीत की टेबल पर पहुंच गया है। टोलो न्यूज ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस्तांबुल में मौजूद पाकिस्तानी वार्ता प्रतिनिधिमंडल, जो पाकिस्तान वापस लौट रहा था, उसे फिर से बातचीत में शामिल कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, कतर और तुर्की के मध्यस्थों ने फिर से तालिबान और पाकिस्तान को वार्ता की टेबल लाया। सूत्रों ने टोलोन्यूज को कल रात यह भी बताया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बिना किसी समझौते पर पहुंचे इस्तांबुल से वापस चला गया था।
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