केंद्रीय एजेंसियों को बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन पर हमले की आशंका है। यह जानकारी हाल ही में 'कौन बनेगा करोड़पति' के एक एपिसोड में पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ के साथ अमिताभ बच्चन की बातचीत के बाद मिली खालिस्तानी संगठनों की धमकियों के बाद मिली है।   
   
सीएनएन-न्यूज18 के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसियां अमिताभ बच्चन को मिली कुछ धमकियों का आकलन कर रही हैं। उनका कहना है कि ये धमकियां हाल ही में दिलजीत दोसांझ के साथ उनकी मुलाकात से जुड़ी हैं।
   
   
     
अमिताभ बच्चन की जान को खतरा !कथित तौर पर, अमिताभ बच्चन के पैर छूने के बाद दिलजीत दोसांझ को खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) से धमकी मिली थी। एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने चेतावनी दी कि समूह 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले दोसांझ के कॉन्सर्ट को बंद कराने की कोशिश करेगा। सिंगर के इस सम्मानजनक व्यवहार की अलगाववादी संगठन ने तीखी आलोचना की और दिलजीत पर 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों का अपमान करने का आरोप लगाया। एसएफजे ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के दंगों के दौरान हिंसा भड़काने में अमिताभ बच्चन की भूमिका थी।
     
अमिताभ बच्चन पर हिंसा भड़काने का आरोपसंगठन ने दावा किया कि अमिताभ बच्चन ने दंगों के दौरान कथित तौर पर 'खून का बदला खून' नारे का इस्तेमाल किया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे हिंसा भड़क उठी जिसमें पूरे भारत में 30,000 से अधिक सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए।
   
कॉन्सर्ट पर खतरे की चिंतासीएनएन-न्यूज18 ने पहले बताया था कि मेलबर्न पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को दिलजीत दोसांझ के 1 नवंबर को होने वाले ऑरा 2025 कॉन्सर्ट पर खतरे को लेकर चिंता जताई थी। खुफिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम को निशाना बनाने की फिराक में है। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि हाल ही में बंद रैलियों के आह्वान और एसएफजे नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक सीधे वीडियो संदेश ने मेलबर्न के खतरे को लेवल 2 तक बढ़ा दिया है।
   
      
   
दिलजीत दोसांझ को किया गया बॉयकॉटएसएफजे एक्स और इंस्टाग्राम पर #BoycottDiljit और #PanthicJustice जैसे हैशटैग का भी प्रचार कर रहा है और 1984 के दंगों से जुड़े भावनात्मक सीन्स को बढ़ावा देने के लिए समन्वित बॉट गतिविधि और प्रवासी प्रभावशाली लोगों का इस्तेमाल कर रहा है। सूत्रों ने इसे आक्रोश के बजाय एक सोची-समझी प्रभावकारी कार्रवाई बताया है।
  
सीएनएन-न्यूज18 के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसियां अमिताभ बच्चन को मिली कुछ धमकियों का आकलन कर रही हैं। उनका कहना है कि ये धमकियां हाल ही में दिलजीत दोसांझ के साथ उनकी मुलाकात से जुड़ी हैं।
A heart and soul stirring voice that makes the world fall silent. #DiljitDosanjh @diljitdosanjh https://t.co/GKEt5nuc4V
— Sian G (@Sian_GS) October 30, 2025
अमिताभ बच्चन की जान को खतरा !कथित तौर पर, अमिताभ बच्चन के पैर छूने के बाद दिलजीत दोसांझ को खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) से धमकी मिली थी। एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने चेतावनी दी कि समूह 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले दोसांझ के कॉन्सर्ट को बंद कराने की कोशिश करेगा। सिंगर के इस सम्मानजनक व्यवहार की अलगाववादी संगठन ने तीखी आलोचना की और दिलजीत पर 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों का अपमान करने का आरोप लगाया। एसएफजे ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के दंगों के दौरान हिंसा भड़काने में अमिताभ बच्चन की भूमिका थी।
अमिताभ बच्चन पर हिंसा भड़काने का आरोपसंगठन ने दावा किया कि अमिताभ बच्चन ने दंगों के दौरान कथित तौर पर 'खून का बदला खून' नारे का इस्तेमाल किया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे हिंसा भड़क उठी जिसमें पूरे भारत में 30,000 से अधिक सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए।
कॉन्सर्ट पर खतरे की चिंतासीएनएन-न्यूज18 ने पहले बताया था कि मेलबर्न पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को दिलजीत दोसांझ के 1 नवंबर को होने वाले ऑरा 2025 कॉन्सर्ट पर खतरे को लेकर चिंता जताई थी। खुफिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम को निशाना बनाने की फिराक में है। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि हाल ही में बंद रैलियों के आह्वान और एसएफजे नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक सीधे वीडियो संदेश ने मेलबर्न के खतरे को लेवल 2 तक बढ़ा दिया है।
दिलजीत दोसांझ को किया गया बॉयकॉटएसएफजे एक्स और इंस्टाग्राम पर #BoycottDiljit और #PanthicJustice जैसे हैशटैग का भी प्रचार कर रहा है और 1984 के दंगों से जुड़े भावनात्मक सीन्स को बढ़ावा देने के लिए समन्वित बॉट गतिविधि और प्रवासी प्रभावशाली लोगों का इस्तेमाल कर रहा है। सूत्रों ने इसे आक्रोश के बजाय एक सोची-समझी प्रभावकारी कार्रवाई बताया है।
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