'बिग बॉस' के एक्स कंटेस्टेंट मुनव्वर फारूकी ने हाल ही में अपने बचपन के उस दौर को याद किया, जो मुश्किलों से भरा था। उन्होंने अपनी मां की मौत के पीछे के हालातों के बारे में बात की। बताया कि कैसे समय के साथ उनके पिता के लिए प्रति उनकी नफरत बढ़ती गई और वे उन्हें 'विलेन' मानने लगे थे।
मुनव्वर फारूकी ने प्रखर गुप्ता को दिए इंटरव्यू में कहा, 'उन्हें (मां) परिवार से कभी किसी तरह की सराहना नहीं मिली। उन्होंने मेरे पिता के साथ उन 22 सालों की शादी के दौरान बहुत कुछ सहा। उनमें बहुत धैर्य था, लेकिन उस सब्र की भी एक लिमिट होती है और वो इतने लंबे समय से बहुत कुछ दबाए बैठी थीं।'
मुनव्वर की मां ने खा लिया था जहर
मुनव्वर ने आगे कहा, 'मैं 13 साल का था और किसी ने मुझे सुबह जगाया और बताया कि वो हॉस्पिटल में हैं। जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे पता चला कि मेरे परिवार ने किसी को भी ये बताने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने जहर खा लिया है, जिसकी वजह मुझे कभी समझ नहीं आई।'
पिता मां के साथ करते थे बुरा बर्ताव
वो आगे कहते हैं, 'उस समय हॉस्पिटल में एक नर्स थी, जो मेरी मां की तरफ से फैमिली फ्रेंड थी और मैंने उसे बताया। उन्होंने तुरंत उन्हें इमरजेंसी रूम में शिफ्ट किया, लेकिन उनकी मौत हो गई।' उन्होंने कहा कि उनके पिता अक्सर उनकी मां संग बुरा बर्ताव करते थे। वो उस हालात को लेकर असहाय महसूस करते थे।
अगले ही दिन ढेर सारा काम और जिम्मेदारी सौंप दी
मुनव्वर ने ये भी बताया कि उन्हें कभी शोक मनाने का मौका नहीं मिला। वो कहते हैं, 'उन्होंने मुझे मेरी मां के निधन का एहसास ही नहीं होने दिया। उनकी मौत के अगले ही दिन सुबह उन्होंने मुझे बुलाया और ढेर सारे काम सौंप दिए और कहा- मत रोना। उन्होंने मुझे हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि मुझे मजबूत रहना है और सबका ख्याल रखना है।'
अंदर ही अंदर रो रहे थे मुनव्वर
मुनव्वर ने आगे कहा, 'ये उनकी गलती नहीं थी, लेकिन यही हुआ। मुझे याद नहीं कि मुझे कभी बुरा लगा हो और मुझे याद है कि अंतिम संस्कार के दौरान भी मैंने ऐसा दिखावा किया था जैसे सबकुछ नॉर्मल हो। मैं अंदर ही अंदर रो रहा था, लेकिन कुछ भी बाहर नहीं आया। मैं सब पर गुस्सा था। मुझे वो सब लोग याद आ रहे थे, जिन्होंने मेरी मां के साथ बुरा बर्ताव किया था। लेकिन एक ऐसा समय आया, जब मैंने उन सबको माफ कर दिया।'
पिता को पड़ा लकवा का दौरा
अपने पिता को लेकर मुनव्वर ने बताया कि शुरुआत में उनपर बहुत गुस्सा आया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ तो मेरा गुस्सा भी चला गया। मां के जाने के दो साल बाद पिता को लकवा का दौरा पड़ा और उनका 80 प्रतिशत शरीर लकवाग्रस्त हो गया। वे 11 साल तक ऐसे ही रहे। मैं उन्हें विलेन समझता रहा, लेकिन वे फिर भी मेरे पिता ही थे। उन्होंने गलत किया तो इसकी सजा भी मिली। वे भुगत भी रहे हैं। इस इंसान से मैं क्या नफरत करूं!'
मुनव्वर फारूकी ने प्रखर गुप्ता को दिए इंटरव्यू में कहा, 'उन्हें (मां) परिवार से कभी किसी तरह की सराहना नहीं मिली। उन्होंने मेरे पिता के साथ उन 22 सालों की शादी के दौरान बहुत कुछ सहा। उनमें बहुत धैर्य था, लेकिन उस सब्र की भी एक लिमिट होती है और वो इतने लंबे समय से बहुत कुछ दबाए बैठी थीं।'
मुनव्वर की मां ने खा लिया था जहर
मुनव्वर ने आगे कहा, 'मैं 13 साल का था और किसी ने मुझे सुबह जगाया और बताया कि वो हॉस्पिटल में हैं। जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे पता चला कि मेरे परिवार ने किसी को भी ये बताने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने जहर खा लिया है, जिसकी वजह मुझे कभी समझ नहीं आई।'
पिता मां के साथ करते थे बुरा बर्ताव
वो आगे कहते हैं, 'उस समय हॉस्पिटल में एक नर्स थी, जो मेरी मां की तरफ से फैमिली फ्रेंड थी और मैंने उसे बताया। उन्होंने तुरंत उन्हें इमरजेंसी रूम में शिफ्ट किया, लेकिन उनकी मौत हो गई।' उन्होंने कहा कि उनके पिता अक्सर उनकी मां संग बुरा बर्ताव करते थे। वो उस हालात को लेकर असहाय महसूस करते थे।
अगले ही दिन ढेर सारा काम और जिम्मेदारी सौंप दी
मुनव्वर ने ये भी बताया कि उन्हें कभी शोक मनाने का मौका नहीं मिला। वो कहते हैं, 'उन्होंने मुझे मेरी मां के निधन का एहसास ही नहीं होने दिया। उनकी मौत के अगले ही दिन सुबह उन्होंने मुझे बुलाया और ढेर सारे काम सौंप दिए और कहा- मत रोना। उन्होंने मुझे हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि मुझे मजबूत रहना है और सबका ख्याल रखना है।'
अंदर ही अंदर रो रहे थे मुनव्वर
मुनव्वर ने आगे कहा, 'ये उनकी गलती नहीं थी, लेकिन यही हुआ। मुझे याद नहीं कि मुझे कभी बुरा लगा हो और मुझे याद है कि अंतिम संस्कार के दौरान भी मैंने ऐसा दिखावा किया था जैसे सबकुछ नॉर्मल हो। मैं अंदर ही अंदर रो रहा था, लेकिन कुछ भी बाहर नहीं आया। मैं सब पर गुस्सा था। मुझे वो सब लोग याद आ रहे थे, जिन्होंने मेरी मां के साथ बुरा बर्ताव किया था। लेकिन एक ऐसा समय आया, जब मैंने उन सबको माफ कर दिया।'
पिता को पड़ा लकवा का दौरा
अपने पिता को लेकर मुनव्वर ने बताया कि शुरुआत में उनपर बहुत गुस्सा आया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ तो मेरा गुस्सा भी चला गया। मां के जाने के दो साल बाद पिता को लकवा का दौरा पड़ा और उनका 80 प्रतिशत शरीर लकवाग्रस्त हो गया। वे 11 साल तक ऐसे ही रहे। मैं उन्हें विलेन समझता रहा, लेकिन वे फिर भी मेरे पिता ही थे। उन्होंने गलत किया तो इसकी सजा भी मिली। वे भुगत भी रहे हैं। इस इंसान से मैं क्या नफरत करूं!'
You may also like
जब 70 साल` की रेखा को जबरदस्ती किस करता रहा था ये एक्टर मना करने पर भी नहीं की थी शर्म
तेलंगाना सीएम ने उपराष्ट्रपति चुनाव में सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देने पर ओवैसी को दिया धन्यवाद
चयनकर्ताओं ने करुण नायर को नजरअंदाज करने का फैसला कर लिया : आकाश चोपड़ा
पंजाब में सोमवार से खुलेंगे स्कूल, शिक्षा मंत्री पंजाब हरजोत सिंह बैंस ने दी जानकारी
सीएम योगी का अभ्यर्थियों ने जताया आभार, कहा, 'यह सफलता सरकार की प्रतिबद्धता का भी परिणाम'