अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस का अगला मुखिया कौन होगा? इस सवाल की चर्चाएं सिग्नेचर बिल्डिंग, लोकभवन, मुख्यमंत्री आवास और विपक्षी दलों के दफ्तरों से लेकर दिल्ली तक हो रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि इस बार डीजीपी के लिए किसी नए चेहरे पर मुहर लगेगी या फिर मौजूदा डीजीपी को ही दोबारा मौका दे दिया जाएगा, क्योंकि सूत्रों का दावा का है कि डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिल सकता है। इसके पीछे की वजह खुद प्रशांत कुमार हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा और भरोसेमंद अफसरों में से एक हैं। सीएम योगी की पसंद होने की वजह से वो कार्यवाहक डीजीपी बन पाए थे। प्रशांत कुमार को 6 महीने का मिल सकता है सेवा विस्तारदरअसल, 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार लंबे समय से यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के पद पर तैनात हैं। उनका सेवाकाल 31 मई को पूरा हो रहा है। ऐसे में यूपी का अगला डीजीपी कौन होगा, इस पर चर्चा होने लगी है। चर्चा यह भी है कि प्रशांत कुमार को 6 महीने का सेवा विस्तार मिल सकता है। उनके सेवा विस्तार के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। उधर, सूत्रों की माने तो अभी तक संघ लोक सेवा आयोग को नए डीजीपी के लिए नामों का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। ऐसे में चर्चा है कि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को ही सेवा विस्तार दिया जा सकता है। वहीं, चर्चा यह भी है कि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने पर उन्हें रिटायमेंट के तुरंत बाद कोई ताकतवर जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके लिए कोई नया पद क्रिएट किया जा सकता है। ये आईपीएस भी हैं दावेदारवहीं, प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने पर 1990 बैच के आईपीएस डीजी होमगार्ड बीके मौर्या और एमके बशाल को भी कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा सकता है। इसके अलावा दलजीत चौधरी, रेणुका मिश्रा, आलोक शर्मा, राजीव कृष्ण और संदीप सांलुके को भी जिम्मेदारी मिल सकती है। योगी सरकार के दोनों कार्यकाल में अब तक 8 आईपीएस अधिकारी डीजीपी पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 2017 में सबसे पहले सुलखान सिंह डीजीपी बने थे। उन्हें एक सेवा विस्तार भी मिला था। इसके बाद ओपी सिंह, एचसी अवस्थी, मुकुल गोयल डीजीपी बने थे, जबकि डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी बने हैं। कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमारयूपी पुलिस के मुखिया प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बिहार के सिवान जिला अंतर्गत हुसैनगंज प्रखंड के छाता पंचायत स्थित हथौडी गांव के रहने वाले हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार का जन्म 16 मई 1965 को हुआ था। प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था, लेकिन निजी कारणों के चलते साल 1994 में उन्होंने अपना ट्रांसफर यूपी कैडर में करा लिया था। प्रशांत कुमार ने अपनी तेज-तर्रार छवि के लिए अलग पहचान बनाई है। अपराध के खिलाफ उनके एक्शन पर खूब चर्चा हो चुकी है। वे राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें तीन बार ब्रेवरी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। अपने कड़क अंदाज और सिंघम टाइप मूछों के लिए भी वे खासी चर्चा में रहे हैं।
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