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Retail Inflation: तेल, सब्जियां, फल, अंडे... सब हुए सस्ते, खुदरा महंगाई दर 10 साल के निचले स्तर पर, क्या जीएसटी कटौती ने किया कमाल?

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नई दिल्ली: भारत में खुदरा महंगाई (रिटेल इन्फ्लेशन) अक्टूबर में 10 साल के निचले स्तर पर आ गई है। यह 0.25% रही, जबकि सितंबर में यह 1.54% थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाने-पीने की चीजों के दाम बहुत गिर गए और टैक्स में कटौती से रोजमर्रा की चीजों से लेकर गाड़ियों तक के दाम कम हो गए। भारत में महंगाई का कम होना एक सकारात्मक संकेत है और आम आदमी के लिए राहत की खबर है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में सिर्फ 0.25% रही। यह सितंबर 2025 की तुलना में 119 बेसिस पॉइंट यानी 1.19% की बड़ी गिरावट है। यह अब तक की सबसे कम साल-दर-साल महंगाई दर है। वहीं खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में भी भारी कमी आई है। अक्टूबर 2025 में कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) यानी खाद्य महंगाई दर पिछले साल अक्टूबर की तुलना में -5.02% रही। ग्रामीण इलाकों में यह -4.85% और शहरी इलाकों में -5.18% रही। अक्टूबर 2025 में खाद्य महंगाई दर सितंबर 2025 की तुलना में 269 बेसिस पॉइंट यानी 2.69% कम हुई। यह भी मौजूदा CPI सीरीज में सबसे निचला स्तर है।


खुदरा महंगाई दर में गिरावट के कारणअक्टूबर 2025 में खुदरा और खाद्य महंगाई दर में इतनी बड़ी गिरावट के कई कारण हैं। जीएसटी में कटौती का पूरा असर, पिछले साल के मुकाबले बेहतर बेस इफेक्ट और तेल, सब्जियां, फल, अंडे, जूते, अनाज और परिवहन जैसी कई चीजों के दाम कम होना इसके मुख्य कारण हैं।


ग्रामीण इलाकों में भी खुदरा और खाद्य महंगाई दर में कमी देखी गई। अक्टूबर 2025 में ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर -0.25% रही, जबकि सितंबर 2025 में यह -1.07% थी। ग्रामीण खाद्य महंगाई दर अक्टूबर 2025 में -4.85% रही, जो सितंबर 2025 के -2.22% से काफी कम है।


किस चीज में कितना अंतर?
  • शहरी इलाकों में मकान किराए की महंगाई दर अक्टूबर 2025 में 2.96% रही, जो सितंबर 2025 के 2.98% से थोड़ी कम है। यह आंकड़ा सिर्फ शहरी इलाकों के लिए है।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों को मिलाकर शिक्षा पर होने वाले खर्च की महंगाई दर अक्टूबर 2025 में 3.49% रही। यह सितंबर 2025 के 3.44% से थोड़ी ज्यादा है।
  • स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च की महंगाई दर अक्टूबर 2025 में घटकर 3.86% रह गई। सितंबर 2025 में यह 4.39% थी।

रिजर्व बैंक की नजरअर्थशास्त्रियों की चिंता यह भी है कि कभी-कभी महंगाई का कम दिखना असली तस्वीर नहीं दिखाता। हो सकता है कि लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कम गुणवत्ता वाली चीजें खरीद रहे हों या अपनी कुछ जरूरतों को टाल रहे हों। यह परिवारों के खर्च करने के तरीके में बदलाव का संकेत हो सकता है।

आरबीआई भविष्य में महंगाई को लेकर सतर्क है। रिजर्व बैंक का मानना है कि भले ही अभी महंगाई कम है, लेकिन दुनिया में चल रहे तनाव और व्यापार से जुड़ी समस्याएं (जैसे टैरिफ वॉर) भविष्य में कीमतों को फिर से बढ़ा सकती हैं। इसलिए, वे लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।
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