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पहली मीटिंग 11 बजे, दूसरी मीटिंग 3 बजे... दिल्ली लाल किला ब्लास्ट पर अमित शाह करने वाले हैं बड़ा खुलासा?

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नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार शाम को लालकिला रेड लाइट पर हुए कार ब्लास्ट मामले में मंगलवार सुबह 11 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की गई। इसके ढाई घंटे बाद 2:30 बजे केस दिल्ली पुलिस से एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया। मीटिंग में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, एनआईए चीफ सदानंद वसंत दाते, दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा और आईबी चीफ तपन डेका समेत अन्य एजेंसियों के चीफ शामिल हुए। जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात वहीं से वर्चुअली इसमें जुड़े थे।

धमाके को लेकर गृह मंत्रालय में दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। सुबह 11 बजे मीटिंग होने के बाद दोपहर तीन बजे एक और उच्च स्तरीय मीटिंग की गई। इधर, केस ट्रांसफर होते ही एनआईए की टीम फिर से आधिकारिक रूप से तफ्तीश करने के लिए लालकिला घटनास्थल पहुंची। एनआईए ने दिल्ली पुलिस द्वारा यूएपीए समेत विभिन्न धाराओं में दर्ज एफआईआर को टेकओवर कर नई एफआईआर दर्ज की।

साथ ही इससे जुड़े तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और अन्य साक्ष्य भी एनआईए दिल्ली पुलिस से टेकओवर करेगी। इस मामले में एनआईए की टीम ने धमाके के बाद से ही अपने स्तर पर भी जांच शुरू कर दी थी। अब आधिकारिक रूप से केस ट्रांसफर होने के बाद इसकी तफ्तीश शुरू कर दी गई है। एनआईए की टीम भी उन सभी पीड़ितों और संदिग्धों से पूछताछ करेगी। जिनसे दिल्ली पुलिस बात कर चुकी है।


अब सवाल यह है कि क्या यह पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा किया गया आतंकवादी हमला है या फिर लोकल मॉडयूल वाले आतंकवादियों द्वारा किया गया विस्फोट? फिलहाल इस बारे में गृह मंत्रालय, एनआईए और दिल्ली पुलिस की तरफ से अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। बस, जांच चलने की बात ही कही गई है। जिसमें एफएसएल और एनएसजी जांच रिपोर्ट के बाद ही इसमें कुछ कहने की बात कही गई है।

कौन-कौन सा विस्फोटक इस्तेमाल हुआ? अधिकारियों का यह भी कहना है कि फोरेंसिक जांच के बाद ही यह भी साफ हो सकेगा कि धमाके में कौन-कौन सा विस्फोटक इस्तेमाल किया गया। इसमें अमोनियम नाइट्रेट ही था या फिर आरडीएक्स और अन्य विस्फोटक भी इस्तेमाल किया गया। मामले में एजेंसियां अब यह तो कहने लगी हैं कि धमाके में विस्फोटक का तो इस्तेमाल किया गया। लेकिन क्या किया गया, इस बारे में जांच पूरी होने के बाद ही पता लग सकेगा।

आरोपियों को दबोचने की तैयारियां तेज सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ जांच और खुफिया एजेंसियों के साथ हुई मीटिंग में साफतौर पर कहा गया कि लालकिला ब्लास्ट के दोषियों को जल्द से जल्द ढूंढकर बाहर निकाला जाए। वह कहीं भी हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मीटिंग में देश की इंटरनल सिक्योरिटी की समीक्षा के साथ ही इसके लिंक के बारे में डिटेल चर्चा की गई। धमाके को लेकर दिल्ली, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में छापेमारी की जा रही है। जम्मू-कश्मीर से कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
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