मुंबई: आप यदि भीम यूपीआई (Bhim UPI) का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल अगले 3 नवंबर से UPI (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव होने वाले हैं। इन बदलावों से बैंकों और UPI इस्तेमाल करने वालों, दोनों को ही फायदा होगा। नई व्यवस्था के बाद लेन-देन (Transactions) और भी तेजी से होंगे और बिना किसी परेशानी के पूरे हो जाएंगे।
यह बदलाव क्यों?
आपके मन में भी सवाल उठता होगा कि UPI के नियमों में बदलाव क्यों किया जा रहा है? दरअसल, UPI में अभी हर दिन 10 बार सेटलमेंट की साइकिल (Settlement cycles) चलती है। सेटलमेंट साइकिल का मतलब है, हिसाब-किताब पूरा करने का समय। इन साइकिलों में, जो पेमेंट सही हैं (यानी जिन्हें यूजर्स ने खुद मंजूरी दी है) और जिनमें कोई विवाद है (जैसे कि रिफंड या पैसे वापस करना), दोनों तरह के लेन-देन एक साथ प्रोसेस होते हैं।
हर महीने अरबों ट्रांजेक्शंस
आजकल UPI से हर महीने अरबों ट्रांजेक्शंस होते हैं। ऐसे में, सही पेमेंट और विवाद वाले पेमेंट को एक साथ प्रोसेस करने से सेटलमेंट में देरी हो रही थी। इसलिए, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यह फैसला किया है कि अब इन दोनों तरह के लेन-देन को अलग-अलग प्रोसेस किया जाएगा। आपको बता दें कि NPCI ही भीम UPI को मैनेज करता है।
नया क्या है
अब जानते हैं कि सेटलमेंट साइकिल में क्या नया है। नए नियम के अनुसार, विवाद वाले लेन-देन (जैसे रिफंड) के लिए सिर्फ दो साइकिल होंगी। इसका मतलब है कि रिफंड और पैसे वापस करने से जुड़े सेटलमेंट सिर्फ इन्हीं दो साइकिल में प्रोसेस किए जाएंगे।
कट-ऑफ टाइमिंग में बदलाव नहीं
कुछ जरूरी बातें जो आपको ध्यान में रखना है। इसमें पहला कि, कट-ऑफ टाइमिंग में कोई बदलाव नहीं होगा। यानी, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की जो टाइमिंग पहले थी, वही रहेगी। दूसरा, विवादों को अब अलग कर दिया गया है। रिफंड और रिवर्सल सेटलमेंट अब सिर्फ दो तय साइकिल में ही होंगे। तीसरा, बाकी नियम पहले जैसे ही रहेंगे। रिकॉन्सिलिएशन रिपोर्ट, GST रिपोर्ट या सेटलमेंट के दूसरे तरीकों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आप पर क्या असर
आम आदमी के लिए यह भी जानना जरूरी है कि इन बदलावों का आम लोगों पर क्या असर होगा? ज्यादातर UPI यूजर्स के लिए, दुकानों पर पेमेंट करना, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेमेंट करना या दोस्तों-रिश्तेदारों को पैसे भेजना पहले जैसा ही रहेगा। लेकिन, अब लेन-देन बैंकों के सिस्टम में तेजी से दिखाई देंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि अब सही पेमेंट और विवाद वाले पेमेंट एक साथ प्रोसेस नहीं होंगे। हालांकि, अगर आप कोई शिकायत करते हैं, जैसे कि पेमेंट फेल हो गया या दो बार पैसे कट गए, तो रिफंड अब दो तय विवाद साइकिल में से किसी एक में प्रोसेस किया जाएगा। इससे यूजर्स को यह पता चल जाएगा कि उनके पैसे कब तक वापस आएंगे। इससे ज़्यादा निश्चितता आएगी।
अगस्त में 20 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शनइस साल अगस्त में UPI से 20 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शंस हुए थे। इनकी कुल वैल्यू 24.85 ट्रिलियन रुपये थी। NPCI के अनुसार, यह पहली बार था जब सिस्टम ने एक महीने में 20 अरब ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार किया था।
यह बदलाव क्यों?
आपके मन में भी सवाल उठता होगा कि UPI के नियमों में बदलाव क्यों किया जा रहा है? दरअसल, UPI में अभी हर दिन 10 बार सेटलमेंट की साइकिल (Settlement cycles) चलती है। सेटलमेंट साइकिल का मतलब है, हिसाब-किताब पूरा करने का समय। इन साइकिलों में, जो पेमेंट सही हैं (यानी जिन्हें यूजर्स ने खुद मंजूरी दी है) और जिनमें कोई विवाद है (जैसे कि रिफंड या पैसे वापस करना), दोनों तरह के लेन-देन एक साथ प्रोसेस होते हैं।
हर महीने अरबों ट्रांजेक्शंस
आजकल UPI से हर महीने अरबों ट्रांजेक्शंस होते हैं। ऐसे में, सही पेमेंट और विवाद वाले पेमेंट को एक साथ प्रोसेस करने से सेटलमेंट में देरी हो रही थी। इसलिए, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यह फैसला किया है कि अब इन दोनों तरह के लेन-देन को अलग-अलग प्रोसेस किया जाएगा। आपको बता दें कि NPCI ही भीम UPI को मैनेज करता है।
नया क्या है
अब जानते हैं कि सेटलमेंट साइकिल में क्या नया है। नए नियम के अनुसार, विवाद वाले लेन-देन (जैसे रिफंड) के लिए सिर्फ दो साइकिल होंगी। इसका मतलब है कि रिफंड और पैसे वापस करने से जुड़े सेटलमेंट सिर्फ इन्हीं दो साइकिल में प्रोसेस किए जाएंगे।
कट-ऑफ टाइमिंग में बदलाव नहीं
कुछ जरूरी बातें जो आपको ध्यान में रखना है। इसमें पहला कि, कट-ऑफ टाइमिंग में कोई बदलाव नहीं होगा। यानी, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की जो टाइमिंग पहले थी, वही रहेगी। दूसरा, विवादों को अब अलग कर दिया गया है। रिफंड और रिवर्सल सेटलमेंट अब सिर्फ दो तय साइकिल में ही होंगे। तीसरा, बाकी नियम पहले जैसे ही रहेंगे। रिकॉन्सिलिएशन रिपोर्ट, GST रिपोर्ट या सेटलमेंट के दूसरे तरीकों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आप पर क्या असर
आम आदमी के लिए यह भी जानना जरूरी है कि इन बदलावों का आम लोगों पर क्या असर होगा? ज्यादातर UPI यूजर्स के लिए, दुकानों पर पेमेंट करना, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेमेंट करना या दोस्तों-रिश्तेदारों को पैसे भेजना पहले जैसा ही रहेगा। लेकिन, अब लेन-देन बैंकों के सिस्टम में तेजी से दिखाई देंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि अब सही पेमेंट और विवाद वाले पेमेंट एक साथ प्रोसेस नहीं होंगे। हालांकि, अगर आप कोई शिकायत करते हैं, जैसे कि पेमेंट फेल हो गया या दो बार पैसे कट गए, तो रिफंड अब दो तय विवाद साइकिल में से किसी एक में प्रोसेस किया जाएगा। इससे यूजर्स को यह पता चल जाएगा कि उनके पैसे कब तक वापस आएंगे। इससे ज़्यादा निश्चितता आएगी।
अगस्त में 20 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शनइस साल अगस्त में UPI से 20 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शंस हुए थे। इनकी कुल वैल्यू 24.85 ट्रिलियन रुपये थी। NPCI के अनुसार, यह पहली बार था जब सिस्टम ने एक महीने में 20 अरब ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार किया था।
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