नई दिल्ली: 16 जून 2025 से आपका UPI ट्रांजेक्शन (डेबिट-क्रेडिट) बस 15 सेकंड में निपट जाएगा। अभी इसमें 30 सेकंड लगते हैं। नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI के काम-काज में API रिस्पॉन्स टाइम कम करने का आदेश दिया है। रिस्पॉन्स टाइम मतलब ये कि ट्रांजेक्शन शुरू होने से लेकर खत्म होने तक में लगने वाला समय। इसके अलावा ट्रांजेक्शन का स्टेटस चेक करना या पैसे वापस लेना भी 75% तक तेज हो जाएगा। सवाल उठता है कि ये नया नियम आपके UPI एक्सपीरियंस को कैसे बदल देगा और क्या इससे UPI में कोई दिक्कतें आएंगी ?ET के मुताबिक, मान लीजिए आप किसी दुकान पर गए और 500 रुपये का सामान खरीदा। आपने ICICI बैंक के iMobile ऐप से QR कोड स्कैन करके पेमेंट किया। वो QR कोड HDFC बैंक के अकाउंट से जुड़ा हुआ है तो ICICI बैंक पेमेंट का रिक्वेस्ट जनरेट करेगा, जो NPCI नेटवर्क के जरिए HDFC बैंक को जाएगा। पेमेंट हुआ या नहीं, ये देखकर HDFC बैंक रिस्पॉन्स भेजेगा। यह फिर से NPCI नेटवर्क से ICICI बैंक को आएगा। पहले इसमें 30 सेकंड लगते थे। लेकिन 16 जून से पूरे प्रोसेस में महज 15 सेकंड लगेंगे। कैसे काम करेगा सिस्टम?एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इससे न सिर्फ ट्रांजेक्शन का वक्त कम होगा, बल्कि स्टेटस चेक करने में भी बहुत फर्क पड़ेगा। नए नियमों में कहा गया है कि ट्रांजैक्शन शुरू होने या वैरिफाई होने के 90 सेकंड बाद PSP बैंक/अक्वायरिंग बैंक पहली बार स्टेटस चेक कर सकते थे। अब ये वक्त 45 से 60 सेकंड हो गया है। यूपीआई के जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या अप्रैल में सालाना आधार पर 34% बढ़कर 17.89 अरब पर पहुंच गई है। हालांकि, मार्च के मुकाबले इसमें मामूली कमी देखने को मिली है। बीते महीने यह आंकड़ा 18.30 अरब था।अप्रैल में लेनदेन की संख्या के साथ यूपीआई के जरिए होने वाले लेनदेन की राशि में भी बढ़त देखी गई है और यह सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 23.95 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मार्च में हुए कुल यूपीआई लेनदेन की वैल्यू 24.77 लाख करोड़ रुपये थी। मार्च की तुलना में अप्रैल में यूपीआई लेनदेन की संख्या और वैल्यू में कमी की वजह महीने के दौरान दिन की संख्या में अंतर होना है। मार्च में 31 दिन थे, जबकि अप्रैल महीना 30 दिन का था।
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