जितेन्द्र कुमार मौर्य, बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के परिवार परामर्श केंद्र में दो पत्नियों में अनोखे विवाद पर दो शर्तों पर पति झुक गया। पहली शर्त में दूसरी पत्नी के बच्चों को पति की पैतृक संपत्ति में कोई अधिकार नहीं मिलेगा। दूसरी शर्त में हर महीने पहली पत्नी को एक हजार रुपये भरण-पोषण के रूप में देना होगा। समझौते पर पति ने दोनों शर्तें मान लीं और पहले ही दिन एक हजार रुपये थमाकर दूसरी महिला को साथ लेकर चला गया।
प्यार, रिश्ते और जिम्मेदारी के बीच संघर्ष का ऐसा मामला शायद ही पहले देखा गया हो। पहली पत्नी ने पति को दूसरी महिला के साथ रहने की मंजूरी तो दी, लेकिन कड़े नियमों पर समझौता हुआ है। जानकारी के मुताबिक, यह अनोखा मामला महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, पुलिस लाइन बाराबंकी में आयोजित परिवार परामर्श शिविर में सामने आया। संगठन प्रभारी कुमारी रत्ना ने समझदारी से दोनों पक्षों के बीच सुलह कराई।
जैदपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक शादीशुदा शख्स ने दूसरी महिला से प्रेम विवाह कर लिया, जबकि उसके पांच बच्चे थे। पहली पत्नी के बीच दूसरी पत्नी के आने पर पति से संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ तो मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच गया। संगठन प्रभारी कुमारी रत्ना ने बताया कि परिवार परामर्श शिविर प्रतिदिन आयोजित किया जाता है। पारिवारिक विवाद के चलते ज्यादातर मामलों में सहमति के साथ समझौता करा दिया जाता है, लेकिन इस मामले में परामर्श शिविर में दोनों पक्षों को तीन बार बुलाया गया था।
5 बच्चों को छोड़कर महिला ने किया प्रेम विवाह
समझौते के दौरान पहली पत्नी ने अपने दो बच्चों और अपना भरण-पोषण के लिए प्रति माह एक हजार रुपये मांगे। पति ने देने के लिए हामी भरी। वहीं, जब दूसरी पत्नी से पूछा गया कि वह अपने पांच बच्चों को छोड़कर दूसरे परिवार में दखल क्यों देना चाहती है, तो उसने कहा कि प्यार में सबकुछ होता है। प्यार की कोई उम्र नहीं होती है। ईश्वर जिसे जन्म देता है, उसका भरण-पोषण भी करता है, बच्चे भी किसी तरह पल जाएंगे। महिला ने धमकी दी कि अगर उसे भगाया गया तो वह अपनी जान दे देगी।
कड़ी दो शर्तों पर हुआ समझौता
पहली पत्नी ने दो कड़ी शर्तों के आधार पर पति को दूसरी महिला के साथ रहने की अनुमति देने पर सहमति जताई। पहली शर्त दूसरी पत्नी के बच्चों को पति की पैतृक संपत्ति में कोई हक नहीं मिलेगा। दूसरी शर्त हर महीने पहली पत्नी को भरण-पोषण के रूप में 1000 देना होगा। पति ने दोनों शर्तें मान लीं और पहले ही दिन एक हजार रुपये थमाकर दूसरी महिला को साथ लेकर चला गया। पहली पत्नी ने साफ चेतावनी दी कि अगर उसकी शर्तें तोड़ी गईं तो वह कानूनी कदम उठाएगी। जिस पर परामर्श केंद्र में लिखित समझौते पर मामला निस्तारित कर दिया गया।
प्यार, रिश्ते और जिम्मेदारी के बीच संघर्ष का ऐसा मामला शायद ही पहले देखा गया हो। पहली पत्नी ने पति को दूसरी महिला के साथ रहने की मंजूरी तो दी, लेकिन कड़े नियमों पर समझौता हुआ है। जानकारी के मुताबिक, यह अनोखा मामला महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, पुलिस लाइन बाराबंकी में आयोजित परिवार परामर्श शिविर में सामने आया। संगठन प्रभारी कुमारी रत्ना ने समझदारी से दोनों पक्षों के बीच सुलह कराई।
जैदपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक शादीशुदा शख्स ने दूसरी महिला से प्रेम विवाह कर लिया, जबकि उसके पांच बच्चे थे। पहली पत्नी के बीच दूसरी पत्नी के आने पर पति से संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ तो मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच गया। संगठन प्रभारी कुमारी रत्ना ने बताया कि परिवार परामर्श शिविर प्रतिदिन आयोजित किया जाता है। पारिवारिक विवाद के चलते ज्यादातर मामलों में सहमति के साथ समझौता करा दिया जाता है, लेकिन इस मामले में परामर्श शिविर में दोनों पक्षों को तीन बार बुलाया गया था।
5 बच्चों को छोड़कर महिला ने किया प्रेम विवाह
समझौते के दौरान पहली पत्नी ने अपने दो बच्चों और अपना भरण-पोषण के लिए प्रति माह एक हजार रुपये मांगे। पति ने देने के लिए हामी भरी। वहीं, जब दूसरी पत्नी से पूछा गया कि वह अपने पांच बच्चों को छोड़कर दूसरे परिवार में दखल क्यों देना चाहती है, तो उसने कहा कि प्यार में सबकुछ होता है। प्यार की कोई उम्र नहीं होती है। ईश्वर जिसे जन्म देता है, उसका भरण-पोषण भी करता है, बच्चे भी किसी तरह पल जाएंगे। महिला ने धमकी दी कि अगर उसे भगाया गया तो वह अपनी जान दे देगी।
कड़ी दो शर्तों पर हुआ समझौता
पहली पत्नी ने दो कड़ी शर्तों के आधार पर पति को दूसरी महिला के साथ रहने की अनुमति देने पर सहमति जताई। पहली शर्त दूसरी पत्नी के बच्चों को पति की पैतृक संपत्ति में कोई हक नहीं मिलेगा। दूसरी शर्त हर महीने पहली पत्नी को भरण-पोषण के रूप में 1000 देना होगा। पति ने दोनों शर्तें मान लीं और पहले ही दिन एक हजार रुपये थमाकर दूसरी महिला को साथ लेकर चला गया। पहली पत्नी ने साफ चेतावनी दी कि अगर उसकी शर्तें तोड़ी गईं तो वह कानूनी कदम उठाएगी। जिस पर परामर्श केंद्र में लिखित समझौते पर मामला निस्तारित कर दिया गया।
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