चित्तौड़गढ़: देशभर में अपनी कृपा बरसाने वाले राजस्थान में चितौडग़ढ़ जिले में मंडफिया में स्थित विश्व प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर के बाहर शनिवार को आस्था की जगह अफरा-तफरी का माहौल नजर आया। मीडिया रिपोर्टस में बताया जा रहा है सवाई माधोपुर से आए श्रद्धालुओं और दुकानदारों के बीच बैग को लेकर शुरू हुई मामूली कहासुनी देखते ही देखते लाठियों और पत्थरों की जंग में बदल गई।
दरअसल, मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, श्रद्धालुओं का एक बैग नहीं मिलने पर विवाद इतना बढ़ गया कि श्रद्धालु ने दुकानदार को थप्पड़ जड़ दिया। जवाब में दुकानदारों ने लाठियां उठा लीं और श्रद्धालुओं पर टूट पड़े। बचाव में श्रद्धालुओं ने भी सड़क किनारे पड़े पत्थरों से हमला कर दिया। नजारा ऐसा था मानो मंदिर के बाहर युद्ध छिड़ गया हो।
वीडियो वायरल, भक्तों में रोष
रविवार को घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही देशभर के भक्तों में गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का कहना है कि भगवान के दरबार में इस तरह की मारपीट मंदिर की छवि को धूमिल करती है। पुलिस के मुताबिक, दोनों पक्षों ने कोई मामला दर्ज नहीं कराया और आपसी समझौते के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
खाटूश्यामजी में भी हुआ था ऐसा ही बवाल
यह पहली बार नहीं है जब भक्तों और दुकानदारों के बीच ऐसा टकराव हुआ हो। ठीक एक महीने पहले राजस्थान में ही सीकर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में मध्यप्रदेश से आए श्रद्धालुओं को भी दुकानदारों ने लाठियों से पीटा था। उस घटना में चार दुकानदारों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस और भक्तों के लिए सीख!
विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिरों के आसपास दुकानदारों को संयम रखना चाहिए क्योंकि उनका आचरण मंदिर की साख पर सीधा असर डालता है। वहीं श्रद्धालुओं को भी भगवान के दरबार में धैर्य नहीं खोना चाहिए और विवाद की स्थिति में पुलिस की मदद लेनी चाहिए।
थानाप्रभारी बोले — 'स्थिति काबू में'
मीडिया रिपोर्टस में मंडफिया थाना प्रभारी गोकुल डांगी ने बताया कि अमावस्या पर भारी भीड़ थी। दुकानदार और श्रद्धालु में बैग को लेकर बहस हुई। श्रद्धालु के थप्पड़ मारने के बाद मामला बिगड़ा। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराकर थाने ले गई। मामला दर्ज करने से दोनों ने इनकार किया।
दरअसल, मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, श्रद्धालुओं का एक बैग नहीं मिलने पर विवाद इतना बढ़ गया कि श्रद्धालु ने दुकानदार को थप्पड़ जड़ दिया। जवाब में दुकानदारों ने लाठियां उठा लीं और श्रद्धालुओं पर टूट पड़े। बचाव में श्रद्धालुओं ने भी सड़क किनारे पड़े पत्थरों से हमला कर दिया। नजारा ऐसा था मानो मंदिर के बाहर युद्ध छिड़ गया हो।
वीडियो वायरल, भक्तों में रोष
रविवार को घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही देशभर के भक्तों में गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का कहना है कि भगवान के दरबार में इस तरह की मारपीट मंदिर की छवि को धूमिल करती है। पुलिस के मुताबिक, दोनों पक्षों ने कोई मामला दर्ज नहीं कराया और आपसी समझौते के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
खाटूश्यामजी में भी हुआ था ऐसा ही बवाल
यह पहली बार नहीं है जब भक्तों और दुकानदारों के बीच ऐसा टकराव हुआ हो। ठीक एक महीने पहले राजस्थान में ही सीकर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में मध्यप्रदेश से आए श्रद्धालुओं को भी दुकानदारों ने लाठियों से पीटा था। उस घटना में चार दुकानदारों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस और भक्तों के लिए सीख!
विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिरों के आसपास दुकानदारों को संयम रखना चाहिए क्योंकि उनका आचरण मंदिर की साख पर सीधा असर डालता है। वहीं श्रद्धालुओं को भी भगवान के दरबार में धैर्य नहीं खोना चाहिए और विवाद की स्थिति में पुलिस की मदद लेनी चाहिए।
थानाप्रभारी बोले — 'स्थिति काबू में'
मीडिया रिपोर्टस में मंडफिया थाना प्रभारी गोकुल डांगी ने बताया कि अमावस्या पर भारी भीड़ थी। दुकानदार और श्रद्धालु में बैग को लेकर बहस हुई। श्रद्धालु के थप्पड़ मारने के बाद मामला बिगड़ा। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराकर थाने ले गई। मामला दर्ज करने से दोनों ने इनकार किया।
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