ज्योति शर्मा, मथुरा: प्रेमानंद महाराज के गुरु गौरांगी शरण महाराज का आज (26 अक्टूबर) जन्मोत्सव है। एक्स हैंडल भजन मार्ग से अपने गुरु गौरांगी शरण को प्रेमानंद महाराज ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। आइए जानते हैं कौन हैं गौरांगी शरण महाराज।
संत हित गौरांगी शरण महाराज वृंदावन के सुप्रसिद्ध रसिक संत हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज के गुरुदेव हैं। उन्हें भक्तों के बीच 'दादा गुरु' या 'बड़े महाराज जी' के नाम से जाना जाता है। श्री हित गौरांगी शरण महाराज वृंदावन में विराजने वाले एक ऐसे संत हैं, जिन्होंने प्रेमानंद महाराज के जीवन की दिशा बदल दी।
प्रेमानंद महाराज, जो पहले ज्ञानमार्गी थे, को गौरांगी शरण जी महाराज ने अपनी शरण में लेकर राधावल्लभी संप्रदाय में दीक्षित किया और उन्हें 'प्रेम मार्ग' पर चलना सिखाया। गौरांगी शरण महाराज ने ही प्रेमानंद महाराज को वृंदावन की 'प्रेम रस महिमा' और 'रसोपासना' को आत्मसात करने में सहायता की। प्रेमानंद महाराज को वृंदावन की रसोपासना (राधा-कृष्ण की माधुर्य भक्ति) को समझने में बहुत कठिनाई होती थी, लेकिन गुरुदेव की कृपा से ही वे इसमें निपुण हो पाए।
श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज को 'विरक्त संत' के रूप में जाना जाता है। वे बहुत कम मिलते-जुलते हैं। शांत और चुपचाप रहते हैं। उनका स्वभाव इतना अलौकिक है कि कहते हैं कि वे किसी की ओर नज़र उठाकर नहीं देखते हैं और यदि किसी भक्त पर उनकी कृपा दृष्टि पड़ जाए तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। उनके शिष्य प्रेमानंद महाराज आज भी हर गुरुवार को अपने गुरुदेव के दर्शन करने जाते हैं, जो गुरु के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा को दर्शाता है। गौरांगी शरण महाराज वृंदावन की प्रेम लक्षणा भक्ति के साक्षात उदाहरण माने जाते हैं।
संत हित गौरांगी शरण महाराज वृंदावन के सुप्रसिद्ध रसिक संत हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज के गुरुदेव हैं। उन्हें भक्तों के बीच 'दादा गुरु' या 'बड़े महाराज जी' के नाम से जाना जाता है। श्री हित गौरांगी शरण महाराज वृंदावन में विराजने वाले एक ऐसे संत हैं, जिन्होंने प्रेमानंद महाराज के जीवन की दिशा बदल दी।
प्रेमानंद महाराज, जो पहले ज्ञानमार्गी थे, को गौरांगी शरण जी महाराज ने अपनी शरण में लेकर राधावल्लभी संप्रदाय में दीक्षित किया और उन्हें 'प्रेम मार्ग' पर चलना सिखाया। गौरांगी शरण महाराज ने ही प्रेमानंद महाराज को वृंदावन की 'प्रेम रस महिमा' और 'रसोपासना' को आत्मसात करने में सहायता की। प्रेमानंद महाराज को वृंदावन की रसोपासना (राधा-कृष्ण की माधुर्य भक्ति) को समझने में बहुत कठिनाई होती थी, लेकिन गुरुदेव की कृपा से ही वे इसमें निपुण हो पाए।
पूज्य महाराज जी के गुरुदेव भगवान श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज के जन्मोत्सव पर हार्दिक बधाई। pic.twitter.com/iiwTYKe6xA
— Bhajan Marg (@RadhaKeliKunj) October 26, 2025
श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज को 'विरक्त संत' के रूप में जाना जाता है। वे बहुत कम मिलते-जुलते हैं। शांत और चुपचाप रहते हैं। उनका स्वभाव इतना अलौकिक है कि कहते हैं कि वे किसी की ओर नज़र उठाकर नहीं देखते हैं और यदि किसी भक्त पर उनकी कृपा दृष्टि पड़ जाए तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। उनके शिष्य प्रेमानंद महाराज आज भी हर गुरुवार को अपने गुरुदेव के दर्शन करने जाते हैं, जो गुरु के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा को दर्शाता है। गौरांगी शरण महाराज वृंदावन की प्रेम लक्षणा भक्ति के साक्षात उदाहरण माने जाते हैं।
You may also like

लंदन के पास 20 साल की भारतीय मूल की लड़की से भयानक नस्लीय हिंसा, बलात्कार, पिछले महीने भी हुआ था ऐसा ही हमला

Billionaire for minutes: रातोंरात अरबपति बना यह शख्स, लेकिन कुछ ही मिनटों में गायब हो गई खुशी, जानें आखिर क्या हुआ ऐसा

Travel Tips: आईआरसीटीसी ने भूटान यात्रा के लिए पेश किया है शानदार टूर पैकेज, मिलेंगी ये सुविधाएं

उत्तर प्रदेश : बस्ती में रास्ता खाली कराने को लेकर दलित परिवार पर हमला, मुकदमा दर्ज

Amla Navami 2025: कब है आंवला नवमी 30 या 31 अक्टूबर? जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि




