हैदराबाद: भारत और पाकिस्तान के तत्काल युद्ध विराम पर सहमत होने के बाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा कि युद्ध विराम हो या न हो, भारत को पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों का पीछा करना जारी रखना चाहिए। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में हैदराबाद के सांसद ने कहा कि वह चाहते थे कि किसी विदेशी (अमेरिका) राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युद्ध विराम की घोषणा करते। उन्होंने कहा कि युद्ध विराम हो या न हो, हमें पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पीछा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करता रहेगा, तब तक कोई स्थायी शांति नहीं हो सकती। सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़े ओवैसी ने कहा कि वह हमेशा बाहरी आक्रमण के खिलाफ सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं और यह जारी रहेगा। ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) प्रमुख ने सशस्त्र बलों को उनकी बहादुरी और सराहनीय कौशल के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सेना के जवान एम मुरली नाइक, एडीडीसी राज कुमार थापा को श्रद्धांजलि दी और संघर्ष के दौरान मारे गए या घायल हुए सभी नागरिकों के लिए प्रार्थना की। ओवैसी ने उम्मीद जताई कि संघर्ष विराम से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बहुत राहत मिलेगी। उन्होंने भारतीयों और राजनीतिक दलों से पिछले दो हफ्तों पर विचार करने का भी आग्रह किया। भारत तब मजबूत होता है जब वह एकजुट होता हैउन्होंने कहा कि भारत तब मजबूत होता है जब वह एकजुट होता है। जब भारतीय भारतीयों से लड़ते हैं तो हमारे दुश्मनों को फायदा होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके पास कुछ सवाल हैं और उम्मीद है कि सरकार इस मामले पर स्पष्टता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि युद्ध विराम की घोषणा किसी विदेशी देश के राष्ट्रपति के बजाय हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने की होती। हम शिमला समझौता (1972) के बाद से ही तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ रहे हैं। हमने अब इसे क्यों स्वीकार कर लिया? मुझे उम्मीद है कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह हमारा आंतरिक मामला है। भारत तटस्थ क्षेत्र में वार्ता करने के लिए क्यों सहमत हो रहाउन्होंने जानना चाहा कि भारत तटस्थ क्षेत्र में वार्ता करने के लिए क्यों सहमत हो रहा है और इन चर्चाओं के एजेंडे को स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने पूछा कि क्या अमेरिका यह गारंटी देता है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं करेगा? ओवैसी ने सवाल किया कि क्या सरकार पाकिस्तान को भविष्य में आतंकी हमले करने से रोकने के अपने उद्देश्य में सफल रही। उन्होंने पूछा कि क्या हमारा लक्ष्य ट्रंप की मध्यस्थता में युद्ध विराम करना था या पाकिस्तान को ऐसी स्थिति में लाना था कि वह किसी और आतंकी हमले के बारे में सपने में भी नहीं सोचे?
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