नई दिल्ली: दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्रालय अब पूरी तरह से अलर्ट पर है। यह कदम मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप के इस्तेमाल से बच्चों की मौत के मामलों के बाद उठाया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि यह मामला बहुत गंभीर है। इसलिए, केंद्र सरकार ने जो एडवाइजरी जारी की है, उसे दिल्ली में भी पूरी तरह से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। अब दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की यह दवा नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही, बाजार में एक खास कंपनी के कफ सिरप की खरीद पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह सब बच्चों की सेहत को बचाने के लिए किया जा रहा है।
दरअसल, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कुछ बच्चों की जान चली गई। आरोप है कि यह मौतें एक खास कंपनी के कफ सिरप के इस्तेमाल से हुईं। जांच में सामने आया कि इस सिरप से बच्चों की किडनी में गंभीर इंफेक्शन हो गया था। उन्हें पेशाब करने में भी बहुत दिक्कतें आ रही थीं। इन गंभीर मामलों के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत जांच शुरू कर दी है।
दो साल से कम उम्र के बच्चों को न दें सिरपइन घटनाओं के बाद, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी। 3 अक्टूबर को डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने एक एडवाइजरी जारी की। इसमें साफ कहा गया है कि छोटे बच्चों को होने वाली खांसी अक्सर अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसलिए, दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल नहीं देना चाहिए। बड़े बच्चों को भी यह दवा बहुत सावधानी और डॉक्टर की सलाह पर ही देनी चाहिए।
केंद्र सरकार की एडवायजरी का पालनदिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार इस पूरे मामले को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बच्चों की जिंदगी का सवाल है। इसलिए, किसी भी तरह की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट और सीएमओ को बहुत सख्त निर्देश दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि वे केंद्र सरकार की एडवाइजरी का पूरी तरह से पालन करें। साफ शब्दों में निर्देश दिया गया है कि कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं करें।
6 महीने से नहीं हो रही खरीद-फरोख्तमंत्री ने एक और अहम बात बताई। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने से इस खास कंपनी का कफ सिरप नहीं खरीदा जा रहा है। जब तक इस मामले की पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक इसकी खरीद पर रोक लगी रहेगी। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
दरअसल, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कुछ बच्चों की जान चली गई। आरोप है कि यह मौतें एक खास कंपनी के कफ सिरप के इस्तेमाल से हुईं। जांच में सामने आया कि इस सिरप से बच्चों की किडनी में गंभीर इंफेक्शन हो गया था। उन्हें पेशाब करने में भी बहुत दिक्कतें आ रही थीं। इन गंभीर मामलों के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत जांच शुरू कर दी है।
दो साल से कम उम्र के बच्चों को न दें सिरपइन घटनाओं के बाद, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी। 3 अक्टूबर को डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने एक एडवाइजरी जारी की। इसमें साफ कहा गया है कि छोटे बच्चों को होने वाली खांसी अक्सर अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसलिए, दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल नहीं देना चाहिए। बड़े बच्चों को भी यह दवा बहुत सावधानी और डॉक्टर की सलाह पर ही देनी चाहिए।
केंद्र सरकार की एडवायजरी का पालनदिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार इस पूरे मामले को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बच्चों की जिंदगी का सवाल है। इसलिए, किसी भी तरह की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट और सीएमओ को बहुत सख्त निर्देश दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि वे केंद्र सरकार की एडवाइजरी का पूरी तरह से पालन करें। साफ शब्दों में निर्देश दिया गया है कि कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं करें।
6 महीने से नहीं हो रही खरीद-फरोख्तमंत्री ने एक और अहम बात बताई। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने से इस खास कंपनी का कफ सिरप नहीं खरीदा जा रहा है। जब तक इस मामले की पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक इसकी खरीद पर रोक लगी रहेगी। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
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