पटना: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा मन दुखी है। मैं बिहार चुनाव में टिकट वितरण को लेकर भी दुखी था। शकील अहमद ने एक बड़ा खत लिखते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। हालांकि इस खत में उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया था। लेकिन बाद में बातचीत में उन्होंने सच्चाई बता दी।
टिकट बंटवारे से दुखी था- शकील अहमद
वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने बात करते हुए कहा, 'इसका कारण यह है कि मैं नाराज हूं, और चुनावों में जो हुआ, खासकर टिकट वितरण में, वह निराशाजनक था। हालांकि मैंने तीन साल पहले ही घोषणा कर दी थी कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। लोग परिवार के लिए भी पार्टी में रहते हैं, लेकिन मेरा कोई बेटा अब पार्टी में नहीं आना चाहता है। लोग सम्मान और पहचान के लिए भी पार्टी में रहते हैं, और अगर वह भी नहीं मिलता, तो कोई क्यों रहेगा?'
कांग्रेस में अब वरिष्ठों का सम्मान नहीं- शकील अहमद
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि 'राहुल गांधी के बनाए गए लोग ही आज पार्टी में बचे हुए हैं। जहां वरिष्ठ लोगों का सम्मान नहीं है, वहां क्यों रहना चाहिए? हम पार्टी की सदस्यता छोड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी पर अभी भी हमको पूरा विश्वास है। यह कहना इतना आसान नहीं है कि राहुल गांधी का नेतृत्व विफल हो रहा है। अगर वरिष्ठ नेता, यहां तक कि वे भी जिन्होंने कहा है कि वे सांसद या विधायक नहीं बनना चाहते, और न ही अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं, अभी भी पार्टी में हैं, तो यह सम्मान और पहचान के लिए है।'
15 दिन पहले ही कर लिया था फैसला
उन्होंने कहा कि 'मैंने जानबूझकर आज का दिन चुना क्योंकि मैंने 15 दिन पहले ही फैसला कर लिया था, लेकिन मैं चुनाव के बीच में इस्तीफा देकर गलत संदेश नहीं देना चाहता था। मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से पार्टी को 5 वोट भी गंवाने पड़े, इसलिए मैंने पहले इस्तीफा नहीं दिया। चुनाव शाम 6 बजे खत्म हुए और मैंने लगभग शाम के 6:05-6:10 बजे कांग्रेस अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया।'
एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं होते- शकील
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आईएएनएस-मैटराइज एग्जिट पोल पर डॉ. शकील अहमद ने कहा, "मैंने अभी तक कोई एग्जिट पोल नहीं देखा है, लेकिन एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल हमेशा सही नहीं होते हैं। 2015 में भी सारे ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल फेल हुए थे। हमेशा सही हों, ये हम नहीं मानते हैं।
इनपुट- आईएएनएस
टिकट बंटवारे से दुखी था- शकील अहमद
वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने बात करते हुए कहा, 'इसका कारण यह है कि मैं नाराज हूं, और चुनावों में जो हुआ, खासकर टिकट वितरण में, वह निराशाजनक था। हालांकि मैंने तीन साल पहले ही घोषणा कर दी थी कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। लोग परिवार के लिए भी पार्टी में रहते हैं, लेकिन मेरा कोई बेटा अब पार्टी में नहीं आना चाहता है। लोग सम्मान और पहचान के लिए भी पार्टी में रहते हैं, और अगर वह भी नहीं मिलता, तो कोई क्यों रहेगा?'
कांग्रेस में अब वरिष्ठों का सम्मान नहीं- शकील अहमद
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि 'राहुल गांधी के बनाए गए लोग ही आज पार्टी में बचे हुए हैं। जहां वरिष्ठ लोगों का सम्मान नहीं है, वहां क्यों रहना चाहिए? हम पार्टी की सदस्यता छोड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी पर अभी भी हमको पूरा विश्वास है। यह कहना इतना आसान नहीं है कि राहुल गांधी का नेतृत्व विफल हो रहा है। अगर वरिष्ठ नेता, यहां तक कि वे भी जिन्होंने कहा है कि वे सांसद या विधायक नहीं बनना चाहते, और न ही अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं, अभी भी पार्टी में हैं, तो यह सम्मान और पहचान के लिए है।'
15 दिन पहले ही कर लिया था फैसला
उन्होंने कहा कि 'मैंने जानबूझकर आज का दिन चुना क्योंकि मैंने 15 दिन पहले ही फैसला कर लिया था, लेकिन मैं चुनाव के बीच में इस्तीफा देकर गलत संदेश नहीं देना चाहता था। मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से पार्टी को 5 वोट भी गंवाने पड़े, इसलिए मैंने पहले इस्तीफा नहीं दिया। चुनाव शाम 6 बजे खत्म हुए और मैंने लगभग शाम के 6:05-6:10 बजे कांग्रेस अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया।'
एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं होते- शकील
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आईएएनएस-मैटराइज एग्जिट पोल पर डॉ. शकील अहमद ने कहा, "मैंने अभी तक कोई एग्जिट पोल नहीं देखा है, लेकिन एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल हमेशा सही नहीं होते हैं। 2015 में भी सारे ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल फेल हुए थे। हमेशा सही हों, ये हम नहीं मानते हैं।
इनपुट- आईएएनएस
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