अमेरिका की नंबर वन यूनिवर्सिटी का नाम
अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई के लिए सबसे बेहतरीन संस्थान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल को पहला स्थान मिला है। ये मेडिकल स्कूल मैसाचुसेट्स राज्य के बोस्टन शहर में स्थित है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्थापना 1782 में की गई थी और ये अमेरिका का तीसरा सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज है। ये मेडिकल स्कूल 15 प्रतिष्ठित अस्पतालों के साथ पार्टनरशिप में है, जहां स्टूडेंट्स प्रैक्टिस के लिए जाते हैं। (hms.harvard.edu)
हार्वर्ड में मिलने वाली डिग्री कैसी है?

भारत में डॉक्टर बनने के लिए MBBS की डिग्री लेनी होती है, लेकिन अमेरिका में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD) की डिग्री लेकर डॉक्टर बना जाता है। हार्वर्ड में भी MD की डिग्री ही दी जाती है, जिसे पूरा होने में 4 से 5 साल का वक्त लगता है। यहां पर MD प्रोग्राम दो तरह का है, जिसमें पहला पाथवे करिकुलम है। इसके तहत स्टूडेंट्स को थ्योरी के साथ-साथ शुरुआती क्लिनिकल एक्सपीरियंस दिया जाता है, जिससे कि वे डॉक्टर बन पाएं। दूसरा हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी करिकुलम है, जो MIT के साथ मिलकर पढ़ाया जाता है। इसमें बायोलॉजी और बेसिक फिजियोलॉजी पर जोर देते हुए फिजिशियन-साइंटिस्ट तैयार किए जाते हैं। (medstudenthandbook.hms.harvard.edu)
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में एडमिशन कैसे होता है?
अब यहां सवाल उठता है कि हार्वर्ड मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कैसे होता है। यहां दाखिल के लिए आपको सबसे पहले चार वर्षीय ग्रेजुएशन करना होगा, जो वैसे तो किसी भी सब्जेक्ट में हो सकता है। हालांकि, केमेस्ट्री, बायोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स में डिग्री हासिल करना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। ग्रेजुएशन के बाद आपको MCAT नाम का एक एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा। हार्वर्ड के MD कोर्स में एडमिशन के दौरान आपको ग्रेजुएशन के नंबर, MCAT स्कोर, लेटर ऑफ रिकमेंडेशन, स्टेटमेंट ऑफ पर्पज जैसे डॉक्यूमेंट्स दिखाने होंगे। फिर एडमिशन अधिकारी आपके आवेदन का मूल्यांकन करेंगे और इंटरव्यू लेंगे। इसके आधार पर आपको एडमिशन मिलेगा। (hms.harvard.edu)
MD कोर्स की पढ़ाई का टोटल खर्चा
हार्वर्ड मेडिकल कॉलेज एक प्राइवेट संस्थान है, जिस वजह से यहां पढ़ाई करना सबके बस की बात नहीं है। हार्वर्ड में पढ़ने का खर्च काफी ज्यादा है। MD कोर्स 5 साल का है। यहां फर्स्ट ईयर की फीस लगभग 1,13,746 डॉलर (लगभग 99.90 लाख रुपये) है। इसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, खाने का खर्च, हेल्थ इंश्योरेंस समेत सभी तरह के खर्चें शामिल हैं। सेकेंड ईयर की फीस 1,17,872 डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) है। थर्ड ईयर में आपकी पढ़ाई का खर्च 1,18,618 डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) होगा।
फोर्थ ईयर में आपको 1,17,626 डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) खर्च करने पड़ेंगे। इसके साथ ही आपको फोर्थ ईयर एक बार फिर से पढ़ना होगा, जिसमें आप ग्रेजुएट भी नहीं होते हैं। इस साल भी आपको 1,18,218 डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) खर्च करने होंगे। पांचवें साल फीस कम हो जाती है, जो 52,152 डॉलर (लगभग 46 लाख रुपये) है। कुल मिलाकर आपको यहां पर MD प्रोग्राम पूरा कर डॉक्टर बनने के लिए 5.46 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। ये काफी ज्यादा है। (hms.harvard.edu)
अमेरिका में डॉक्टर की सैलरी
अब यहां सवाल ये भी है कि अगर कोई अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से डिग्री लेकर डॉक्टर बन जाता है, तो उसे कितनी सैलरी मिलती है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के मुताबिक, अमेरिका में डॉक्टर्स की औसतन सालाना सैलरी 2,39,200 डॉलर (2.10 करोड़ रुपये) है। ग्लासडोर के मुताबिक, अमेरिका में एंट्री लेवल पर डॉक्टर्स को 1 करोड़ रुपये सालाना की सैलरी मिल जाती है। स्पेशलाइजेशन के साथ-साथ सैलरी भी बढ़ती जाती है। जैसे ओर्थोपेडिक डॉक्टर की सालाना सैलरी लगभग 5 करोड़ रुपये है। इसी तरह से कार्डियोलॉजिस्ट की सैलरी 4.30 करोड़ रुपये सालाना है। (hms.harvard.edu)
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