थायराइड एक हार्मोनल समस्या है जो थायराइड ग्लैंड के सही तरीके से काम न करने के कारण होती है। यह ग्लैंड गर्दन में स्थित होती है और शरीर के मेटाबॉलिज़्म, ऊर्जा स्तर और कई अन्य प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है। थायराइड के दो मुख्य प्रकार हैं – हाइपोथायराइडिज़्म (थायराइड कम सक्रिय) और हाइपरथायराइडिज़्म (थायराइड अधिक सक्रिय)।
थायराइड होने के मुख्य कारण
आयोडीन की कमी या अधिकता – आयोडीन की असंतुलित मात्रा थायराइड समस्या का मुख्य कारण हो सकती है। ऑटोइम्यून रोग – शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से थायराइड को नुकसान पहुँचा सकती है, जैसे हाशिमोटो थायराइड। हार्मोनल असंतुलन – प्रजनन या उम्र से जुड़ी हार्मोनल समस्याएँ थायराइड को प्रभावित कर सकती हैं। अनुवांशिकता – अगर परिवार में किसी को थायराइड की समस्या रही है, तो जोखिम बढ़ जाता है। तनाव और लाइफस्टाइल – ज्यादा स्ट्रेस और असंतुलित जीवनशैली थायराइड की समस्या को बढ़ा सकते हैं। थायराइड के सामान्य लक्षण
- वजन बढ़ना या घटना बिना वजह
- थकान और कमजोरी
- बालों का झड़ना या पतले होना
- त्वचा की सूखापन या रुखापन
- नींद में परेशानी या चिड़चिड़ापन
- गर्दन में सूजन या गॉइटर
थायराइड से बचाव के उपाय
संतुलित आहार – आयोडीन युक्त नमक, हरी सब्ज़ियाँ, फल और प्रोटीनयुक्त भोजन लें। नियमित व्यायाम – हल्की वॉक, योग या स्ट्रेचिंग से मेटाबॉलिज़्म सुधरता है। तनाव कम करें – ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद से हार्मोन संतुलित रहते हैं। नियमित जांच – ब्लड टेस्ट के माध्यम से टीएसएच, टी3 और टी4 स्तर चेक कराएँ। डॉक्टर की सलाह से दवा – अगर थायराइड की समस्या गंभीर हो, तो दवा या ट्रीटमेंट आवश्यक है। थायराइड एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण समस्या है। सही आहार, संतुलित लाइफस्टाइल और समय पर जांच से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लक्षण दिखने पर देर न करें और विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें।