नेपाल में भारी हिंसा के दौर के बाद जारी राजनीतिक गतिरोध खत्म होने के आसार दिख रहे हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने ऐलान किया है कि देश की पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी। कार्की के नाम पर ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारी समूह के प्रतिनिधियों और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बन गई है। शपथग्रहण समारोह रात नौ बजे होगा। सुशीला कार्की (73) नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी।
Nepal’s Parliament has been dissolved. Sushila Karki to take oath as interim Prime Minister today https://t.co/dqXdO73Xbw pic.twitter.com/c04QxvdkfL
— ANI (@ANI) September 12, 2025
राष्ट्रपति की प्रेस सलाहकार किरण पोखरेल ने बताया कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, नेपाल के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और ‘जेन जेड’ के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के बाद कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। अंतरिम प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आज रात नौ बजे होगा। सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण को लेकर राष्ट्रपति भवन में तैयारियां जारी हैं।
STORY | Former Chief Justice Sushila Karki to lead Nepal's interim government
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2025
Nepal's former Chief Justice Sushila Karki is set to lead an interim government, the Nepalese President's office announced Friday, ending days of political uncertainty after the abrupt resignation of… pic.twitter.com/yO0R9AZggY
नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के लिए व्यापक रूप से सम्मानित 73 वर्षीय कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने वाली हैं।रविवार से बड़े पैमाने पर जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कार्की के समक्ष नेपाल में कानून-व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है।
Nepal appoints Sushila Karki as first female executive head
— The Kathmandu Post (@kathmandupost) September 12, 2025
The former chief justice widely praised for her integrity was chosen by Gen Z to lead transitional government.
BINOD GHIMIRE
KATHMANDU, SEPT 12
Sushila Karki, a septuagenarian former chief justice, on Friday… pic.twitter.com/kFC0UtRAxs
नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय की इस घोषणा के साथ ही नेपाल में पिछले छह दिन से जारी राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हो सकती है। युवाओं के हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते मंगलवार को के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 51 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक भीड़ ने ओली सरकार के कई मंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, राजनेताओं पर हमला किया, उनके घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। भीड़ ने संसद भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, पीएम आवास समेत कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया था।
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