जोधपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा रविवार को जोधपुर में विवादों में घिर गई। परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र की पैकिंग खुली मिलने का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया और पेपर लीक की आशंका जताई। हालांकि प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और परीक्षा को पूरी तरह सुरक्षित बताया।आज आयोजित हुई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में जोधपुर के एक सेंटर पर इस परीक्षा का प्रश्न पत्र खुला मिलने का आरोप अभ्यर्थियों द्वारा लगाया गया जिसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आई है |
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) September 7, 2025
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @BhajanlalBjp को इस मामले में वक्तव्य देते हुए FIR दर्ज…
जोधपुर में हंगामे के हालात
जोधपुर के बनाड़ क्षेत्र स्थित खेतेश्वर स्कूल परीक्षा केंद्र के कमरे नंबर 5 में पहली पारी की परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र का पैकेट फटा हुआ मिलने की बात सामने आई। इस पर छात्रों ने जमकर हंगामा किया और पेपर लीक का आरोप लगाया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। छात्रों ने दावा किया कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र का लिफाफा खुला मिला, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए।
प्रशासन का बयान और सफाई
परीक्षा के नोडल अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट शहर प्रथम उदयभान चरण ने साफ किया कि पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र सात परतों में पैक होते हैं और तकनीकी कारणों या कम्युनिकेशन गैप के चलते बाहरी पैकिंग खुली हुई प्रतीत हुई। अधिकारियों का कहना है कि जांच में किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने नहीं आई और पेपर पूरी तरह सुरक्षित रहा। उन्होंने छात्रों से अफवाहों पर ध्यान न देने और परीक्षा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की अपील की।
नेताओं ने उठाए सवालजोधपुर के बनाड़ में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती का प्रश्न पत्र खुला मिलने का मामला बेहद गंभीर है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो उन पर केस लगाने की धमकी देकर डराने का प्रयास किया गया। अभ्यर्थियों को धमकाना इसे और संदिग्ध बनाता है। RAS 2024 प्री परीक्षा के पेपर…
— Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) September 7, 2025
मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता और सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की। वहीं, प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए इस पूरे मामले की जांच एसओजी से करवाने की मांग की है।
छात्रों की शिकायत और चेतावनी का आरोप
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब उन्होंने प्रश्न पत्र पैकिंग खुली होने का मुद्दा उठाया तो परीक्षा विक्षक ने उन्हें चुप रहने और अनुशासन बनाए रखने के लिए दबाव डाला। छात्रों का आरोप है कि उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर उन्होंने शोर-शराबा किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया।
उपस्थिति का हाल
नोडल अधिकारी उदयभान चरण ने बताया कि परीक्षा समग्र रूप से शांतिपूर्ण रही। प्रथम पारी में 36,800 अभ्यर्थियों में से 22,219 उपस्थित हुए जबकि 14,581 अनुपस्थित रहे। दूसरी पारी में भी 36,800 अभ्यर्थियों में से 21,990 उपस्थित और 14,810 अनुपस्थित रहे। इस तरह दोनों पारियों में औसतन 68 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए गए थे, जिनके कारण कुछ जगह अभ्यर्थियों को कठिनाई भी हुई, लेकिन परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हो गई।
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