New Delhi, 6 सितंबर . एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल पार्ट्स में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार, एंट्री-लेवल मोबिलिटी सेगमेंट में मांग को सीधे तौर पर बढ़ावा देंगे, जहां बिक्री सुस्त रही है. साथ ही ये सुधार अनुपालन को आसान बनाने में भी मददगार होंगे.
ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट में कहा गया है, “ऑटो पार्ट्स पर एक समान 18 प्रतिशत की दर अनुपालन की जटिलता को दूर करती है और लाइफसाइकल रखरखाव लागत को कम करती है, जिससे उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को लाभ होता है.”
सरकार ने 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी, भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए जीएसटी का पुनर्गठन किया है. एंट्री-लेवल वाहनों और पार्ट्स पर अब 28 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत की कम दर से कर लगेगा.
बड़ी कारों और लग्जरी मॉडलों पर 28 प्रतिशत की बजाय 40 प्रतिशत कर लगेगा, लेकिन उन पर उपकर पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे प्रभावी कर भार कम हो गया है.
छोटी कारों (1200 सीसी तक पेट्रोल, 1500 सीसी तक डीजल, 4 मीटर से अधिक लंबाई नहीं), छोटे हाइब्रिड, 350 सीसी तक के दोपहिया वाहन, तिपहिया वाहन और मालवाहक वाहनों को 18 प्रतिशत के स्लैब में समाहित कर, जीएसटी परिषद ने प्रभावी कर भार को लगभग 29-31 प्रतिशत (उपकर सहित) से घटाकर एक समान 18 प्रतिशत कर दिया है.
यह घटी हुई दर एम्बुलेंस, मालवाहक वाहनों, बसों और छोटे इंजन आकार वाली फैक्टरी-फिटेड हाइब्रिड कारों पर भी लागू होगी.
ऑटो पार्ट्स, चेसिस, एक्सेसरीज और टायर वर्तमान 28 प्रतिशत की दर से 18 प्रतिशत की दर पर आ जाएंगे, जिससे अनुपालन सरल होगा और लाइफसाइकल लागत कम होगी.
मोटर वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीटें, स्पार्क-इग्निशन भी 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत के स्लैब में शिफ्ट हो गई हैं. ट्रैक्टर, ट्रेलर और 4 मीटर से अधिक लंबाई नहीं वाले ईंधन-सेल हाइड्रोजन वाहन 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब से 5 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब में शिफ्ट हो गए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नई संरचना यह सुनिश्चित करती है कि मूल्य-संवेदनशील खरीदारों को शुरुआती लागत में कमी के माध्यम से ठोस राहत मिले, जबकि बेड़े संचालक और लॉजिस्टिक्स प्रदाता स्वीकार्य आईटीसी और तेज रिफंड के माध्यम से लाभ उठा सकें, जिससे लिक्विडिटी और रिप्लेसमेंट साइकल मजबूत हो सकें.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सुधार एक अधिक कुशल, किफायती और व्यापार-अनुकूल जीएसटी प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करते हैं, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है और व्यापार करने में आसानी बढ़ती है.
–
एसकेटी/
You may also like
Apple ने iPhone 17 और iOS 26 का किया अनावरण, जानें कौन से डिवाइस होंगे समर्थित
iPhone 17 Price: लॉन्च हुआ आईफोन 17, एडवांस फीचर्स के साथ Apple ने किया बड़ा 'धमाका'
Apple का 'Awe Dropping' इवेंट: iPhone 17 और नए Apple उत्पादों की घोषणा
भारत में iPhone 17 Series की होगी ये कीमत, जानें सबसे सस्ता और महंगा मॉडल कितने रुपये में मिलेगा?
एशिया कप 2025 का आगाज, अफगानिस्तान ने हांगकांग को 94 रन से हराया