New Delhi, 18 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Friday शाम एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में 2014 से पहले के नीतिगत परिदृश्य पर विचार करते हुए कांग्रेस शासन के तहत India की चुनौतियों की एक गंभीर तस्वीर पेश की और पार्टी पर नीतिगत पक्षाघात, बड़े पैमाने पर घोटाले और आर्थिक कुप्रबंधन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिससे देश असुरक्षित हो गया.
New Delhi के India मंडपम में “अनस्टॉपेबल इंडिया” विषय पर बोलते हुए, Prime Minister मोदी ने श्रीलंकाई Prime Minister हरिणी अमरसूर्या, ब्रिटेन के पूर्व Prime Minister ऋषि सुनक, और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व Prime Minister टोनी एबॉट सहित वैश्विक नेताओं को संबोधित किया और कांग्रेस-काल की विफलताओं की पृष्ठभूमि में India के परिवर्तन की रूपरेखा प्रस्तुत की.
उन्होंने अपनी Government के समावेशी सुधारों की तुलना कांग्रेस की बहिष्कार की विरासत से की.
उन्होंने कहा, “उन्होंने लोगों को बैंकों से दूर कर दिया. गरीब लोग बैंकों में जाने से भी डरते थे. जब हमने सत्ता संभाली, तब आधी आबादी के पास बैंक खाते नहीं थे.”
उनके प्रशासन ने 50 करोड़ से ज़्यादा जन-धन खाते खोले, जिससे वित्त का लोकतंत्रीकरण हुआ और India डिजिटल लेनदेन में वैश्विक अग्रणी बना.
उन्होंने जोर देकर कहा, “कांग्रेस के विपरीत, हमने नीतियों का लोकतंत्रीकरण करने का काम किया, न कि उनका Governmentीकरण करने का. यही अनस्टॉपेबल इंडिया के पीछे की प्रेरक शक्ति है.”
उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में उन सुधारों पर प्रकाश डाला, जिनसे कांग्रेस से विरासत में मिले एनपीए संकट से निपटा गया.
कांग्रेस पार्टी के शासन की तीखी आलोचना करते हुए, Prime Minister मोदी ने उस पर “नॉन-परफॉर्मिंग एसेट” (एनपीए) का पहाड़ खड़ा करने, नागरिकों को बैंकिंग से दूर करने और सब्सिडी से बचने के लिए पेट्रोल पंपों को रोजाना 12 घंटे बंद रखने की योजना बनाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “2014 से पहले, चर्चाएं वैश्विक चुनौतियों से निपटने, महिलाओं की सुरक्षा की चिंताओं और आतंकवादी स्लीपर सेल पर केंद्रित थीं. कई लोगों को India की रिकवरी पर संदेह था.”
फिर भी, India शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है.
Prime Minister मोदी ने India के विकास पूर्वानुमानों में आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) द्वारा हाल ही में किए गए संशोधनों का हवाला देते हुए घोषणा की, “मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से कम है, और पिछले तीन वर्षों में हमारी औसत वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही है.”
उन्होंने वैश्विक निवेशकों के लिए India की अपील पर प्रकाश डाला और गूगल के हालिया बड़े निवेश और ऊर्जा एवं सेमीकंडक्टर क्षेत्रों में बढ़ती रुचि का हवाला दिया.
उन्होंने आगे कहा, “दुनिया India में अवसर देखती है और हमें एक जिम्मेदार साझेदार के रूप में देखती है.”
कांग्रेस के पहले के उदारीकरण को “मजबूरी में किए गए सुधार” बताकर खारिज करते हुए, उन्होंने अपनी नीतियों को सक्रिय और जन-केंद्रित बताया.
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एमएस/एबीएम
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