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दुश्मन के लिए काल बनकर गरजेंगे नौसेना के 'राफेल', दिल्ली में सोमवार को डील पर हस्ताक्षर

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नई दिल्ली, 27 अप्रैल . लगातार अपनी क्षमता में इजाफा कर रही भारतीय नौसेना के लिए राफेल फाइटर जेट की खरीद का समय आ चुका है. सोमवार को भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच यह सौदा होगा.

नौसेना के लिए मरीन (एम) श्रेणी के राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जा रहे हैं. भारतीय नौसेना को कुल 26 राफेल-एम विमानों की आपूर्ति की जाएगी.

गौरतलब है कि रविवार सुबह नौसेना ने सफलतापूर्वक एंटी-शिप फायरिंग की है. यह परीक्षण भारतीय नौसेना के जहाजों से किया गया.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद नौसेना ने दुश्मनों को कड़ा संदेश देते हुए एक महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण भी किया था. यह मिसाइल परीक्षण नौसेना ने अपने डिस्ट्रॉयर शिप आईएनएस सूरत से अरब सागर में किया था. नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी थी.

विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल मिलने के बाद नौसेना की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी. इस सौदे के लिए पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री 27 अप्रैल को भारत आने वाले थे, लेकिन कुछ निजी कारणों से उनका दौरा रद्द हो गया. लेकिन इससे सौदे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सोमवार को ‘सरकार-से-व्यापार’ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे.

फ्रांस के रक्षा मंत्री भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत में शामिल होंगे. वह रिमोट से हस्ताक्षर भी करेंगे. नई दिल्ली में आयोजित होने वाले इस हस्ताक्षर समारोह में भारतीय रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और फ्रांसीसी राजदूत थिएरी मथौ भी मौजूद रहेंगे.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी है. हाल ही में मिली इस मंजूरी के बाद अब यह डील होने जा रही है. राफेल की डील पर हस्ताक्षर होने के बाद भारतीय नौसेना को राफेल (एम) फाइटर जेट की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी. वर्ष 2031-32 तक नौसेना को सभी विमानों की आपूर्ति कर दी जाएगी.

नौसेना को मिलने वाले ये फाइटर जेट भारतीय विमानवाहक पोतों, आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे. इस सौदे की अनुमानित लागत लगभग 63,000 करोड़ रुपए के आसपास रह सकती है.

गौरतलब है कि यह नौसेना के लिए पहला बड़ा लड़ाकू विमान अपग्रेड होगा. इससे भारतीय नौसेना किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक सशक्त बनेगी. जानकारी के मुताबिक, फ्रांस के साथ होने वाले राफेल-एम लड़ाकू विमान के इस सौदे में बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण, ऑफसेट दायित्वों के तहत घटकों के घरेलू विनिर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल होगा. सौदा तय होने के उपरांत अगले कुछ वर्षों में फ्रांस द्वारा भारतीय नौसेना के लिए इन फाइटर जेट की डिलीवरी की जाएगी.

नौसेना को मिलने वाले 26 राफेल मरीन फाइटर जेट में से 22 सिंगल-सीटर होंगे जबकि चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी. इन विमानों के शामिल होने के बाद नौसेना की समुद्री हमले की क्षमताओं को मजबूती मिलेगी. गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास भी राफेल विमानों के बेड़े हैं.

जीसीबी/एकेजे

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