नासिक, 13 अक्टूबर . Maharashtra के नासिक जिले के येवला स्थित मुक्तिभूमि पर Monday को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा धर्म परिवर्तन की ऐतिहासिक घोषणा की 90वीं वर्षगांठ बड़े उत्साह के साथ मनाई गई. इस दौरान देशभर से लाखों लोग एकत्र हुए.
इस अवसर पर Maharashtra Government के वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने मुक्तिभूमि पहुंचकर डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को याद किया.
छगन भुजबल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के जीवन में तीन स्थान बेहद खास हैं: नागपुर की दीक्षाभूमि, Mumbai की चैत्यभूमि और येवला की मुक्तिभूमि. इनमें से येवला की मुक्तिभूमि वह पहला स्थान है, जहां 1935 में डॉ. अंबेडकर ने धर्म परिवर्तन की घोषणा की थी. इस घोषणा ने भारतीय समाज और इतिहास की दिशा बदल दी, क्योंकि इसने सामाजिक समानता और न्याय की लड़ाई को नया रास्ता दिखाया.
भुजबल ने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम दलितों और वंचितों के लिए स्वतंत्रता और सम्मान का प्रतीक बना. कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता, अंबेडकर के अनुयायी और विभिन्न Political दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. पूरा क्षेत्र ‘जय भीम’ के नारों से गूंज उठा.
भुजबल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के विचार आज भी सामाजिक समानता, न्याय और मानवाधिकारों के लिए प्रेरणा देते हैं. अंबेडकर का दर्शन समाज को जोड़ने और सभी को बराबरी का हक दिलाने का रास्ता दिखाता है.
इस अवसर पर मुक्तिभूमि को सजाया गया था और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. लोगों ने डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया.
भुजबल ने युवाओं से अपील की कि वे अंबेडकर के सिद्धांतों को समझें और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएं. यह आयोजन न केवल अंबेडकर के ऐतिहासिक फैसले की याद दिलाता है, बल्कि उनके समतामूलक समाज के सपने को साकार करने की प्रेरणा भी देता है.
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एसएचके/वीसी
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