नई दिल्ली, 1 मई . अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 4 मई तक भारत की चार दिवसीय यात्रा पर रहेंगे.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा होगी.
विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह 38 वर्षों में किसी अंगोला के राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा है. यह ऐसे समय हो रही है जब भारत और अंगोला इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्ष पूरे कर रहे हैं.”
अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति लौरेंको के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात करने की उम्मीद है. दोनों पक्षों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.
अंगोला के नेता एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यात्रा करेंगे जिसमें मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और व्यापारिक नेता शामिल होंगे.
3 मई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा. बाद में वह द्विपक्षीय वार्ता के लिए राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति लौरेंको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. इसके बाद उनके सम्मान में दोपहर का भोजन भी आयोजित किया जाएगा.”
बयान में कहा गया, “यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.”
भारत और अंगोला के बीच मैत्रीपूर्ण और विस्तारित संबंध हैं, जो मजबूत ऊर्जा सहयोग पर आधारित हैं.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 4.192 बिलियन डॉलर तक पहुंचा.
वे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी निकटता से सहयोग करते हैं तथा संयुक्त राष्ट्र में भी अक्सर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं.
राष्ट्रपति लौरेंको की यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जिसमें दोनों पक्ष आने वाले वर्षों में रणनीतिक भागीदारी को व्यापक और गहन बनाने पर विचार करेंगे.
इस यात्रा से दूरगामी परिणाम साबित होने की उम्मीद है, जो भारत और अंगोला की साझा प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी.
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डीकेएम/केआर
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