मदुरै, 3 अक्टूबर . तमिलनाडु में टीवीके रैली के दौरान हुई भीड़ भगदड़ की घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी, मदुरै बेंच ने Friday को अहम फैसला सुनाया. अदालत ने टीवीके महासचिव आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं.
तमिलनाडु के करूर में रैली के दौरान मची भगदड़ में मदुरै बेंच ने टीवीके महासचिव आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार को बड़ा झटका दिया. अदलात ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं. अदालत के इस फैसले के बाद दोनों नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. अदालत ने टिप्पणी की कि यह घटना न्यायपालिका को भी विचलित करने वाली है और इसकी विस्तृत जांच आवश्यक है. जांच में अब तक आनंद को दूसरे आरोपी और निर्मल कुमार को तीसरे आरोपी के रूप में नामजद किया गया है. इससे पहले पहले आरोपी मथियालगन और पोनराज को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया जा चुका है और वे इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.
अदालत ने कहा कि चूंकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, ऐसे में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती. अदालत ने साफ किया कि इस तरह की घटनाएं बेहद गंभीर हैं और इनके पीछे की जिम्मेदारी तय करना जरूरी है.
इससे पहले, Friday को ही मद्रास हाईकोर्ट ने Political रैलियों के लिए सख्त एसओपी का सुझाव दिया. साथ ही, कोर्ट ने Actor-राजनेता विजय की करूर रैली में पिछले महीने हुई भगदड़ की सीबीआई जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया.
एम धंदापानी और एम जोतिरमन की पीठ ने भाजपा नेता उमा आनंदन की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर कार्यवाही करने से इनकार कर दिया, लेकिन याचिकाकर्ता को यह छूट दी कि यदि जांच ठीक से नहीं की जाती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं. अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस अदालत को Political अखाड़े की तरह न समझें.
गौरतलब है कि इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 100 लोग घायल हुए थे, जिनमें से कई अब भी आईसीयू में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है.
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पीएसके