राजौरी, 11 सितंबर . भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने Thursday को राजौरी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया, जिसमें मंडी मंदिर बटालियन के पांच वीर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को नमन किया गया. इन शहीदों ने 11 सितंबर 2002 को सुरनकोट, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के दौरान मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी.
श्रद्धांजलि समारोह में शहीद जवानों के नामों का उल्लेख किया गया, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी और देश के लिए अदम्य साहस का परिचय दिया. इन वीर सपूतों में शामिल कांस्टेबल मनिराल कांति देबनाथ, कांस्टेबल अशोक कुमार भाई, कांस्टेबल शिव कुमार, कांस्टेबल मिट्टू घोष और कांस्टेबल अंकुल देबनाथ शामिल थे. इन जवानों ने आतंकवादी हमले के दौरान देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था.
इस अवसर पर बीएसएफ अधिकारियों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साहस और बलिदान को याद किया. शहीदों के परिजनों और निकट संबंधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया गया. इस संवाद के दौरान बीएसएफ ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि राष्ट्र उनके प्रियजनों के बलिदान के लिए सदैव कृतज्ञ रहेगा. इसके साथ ही, बीएसएफ ने यह भी कहा कि वे हर परिस्थिति में शहीदों के परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा करने और सहयोग प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
बीएसएफ जम्मू ने इस अवसर पर शहीदों के अद्वितीय बलिदान को याद करते हुए social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “एक शहीद कभी नहीं मरता, वह सदैव राष्ट्र के हृदय में जीवित रहता है.”
बीएसएफ जम्मू ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, “राष्ट्र सदैव उनके प्रियजनों के बलिदान के लिए कृतज्ञ रहेगा और बीएसएफ हर परिस्थिति में उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने और सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
–
वीकेयू/डीएससी
You may also like
वन विहार में बच्चों ने वन्यजीवों तथा प्रकृति से जुड़े मॉडल बनाकर पर्यटकों को किया जागरूक
मप्रः मंत्री सारंग ने की सहकारिता विभाग की समीक्षा
ऋषभ पंत इंजरी के बाद जल्दी ही दिखने वाले हैं एक्शन में? बड़ी अपडेट आई सामने
Bihar Election 2025: बुर्का और घूंघट वाली महिला वोटरों को कौन चेक करेगा? इलेक्शन कमीशन ने बताया
Bihar Election 2025: नाव.. घोड़ा.. कार.. बाइक से पेट्रोलिंग, बिहार चुनाव की दिलचस्प बातें जानिए