New Delhi, 26 सितंबर . Enforcement Directorate 2026 में एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क एशिया पैसिफिक (एआरआईएन-एपी) की अध्यक्षता करेगा. मंगोलिया द्वारा साल 2026 के लिए India को एआरआईएन-एपी की अध्यक्षता सौंपी गई है. India का प्रतिनिधित्व उसकी नोडल एजेंसी Enforcement Directorate (ईडी) करेगा.
मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में 23 से 26 सितंबर 2025 तक 10वीं एआरआईएन-एपी की वार्षिक आम बैठक हुई. 2016 से एसेट रिकवरी प्रैक्टिशनर्स के इस प्रमुख बहु-एजेंसी नेटवर्क से जुड़े होने के कारण Enforcement Directorate को इससे पहले 2024 में इसके शीर्ष निकाय, संचालन समिति के लिए चुना गया था. India आगामी वर्ष में नेटवर्क की 11वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की भी मेजबानी करेगा.
India के लिए एआरआईएन-एपी की यह अध्यक्षता प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह एसेट रिकवरी में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने में सार्थक योगदान देने का एक अवसर है. नेटवर्क की अध्यक्षता संभालते हुए संयुक्त निदेशक (समन्वय), गृह मंत्रालय ने अपने स्वीकृति भाषण में कहा, “एआरआईएन-एपी केवल एक नेटवर्क नहीं, बल्कि एक परिवार, एक समुदाय और एक मंच है, जहां व्यावहारिक चुनौतियां साझा की जाती हैं, जहां समाधान सहयोगात्मक रूप से तैयार किए जाते हैं और जहां सभी अधिकार क्षेत्रों में विश्वास का निर्माण होता है.”
भाषण में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की भी पहचान की गई, जिन पर India अपनी अध्यक्षता के दौरान ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें एआरआईएन-एपी की सदस्य एजेंसियों के बीच त्वरित, व्यवसायी-से-व्यवसायी संपर्क को मजबूत करना, क्षमता निर्माण और सहकर्मी अधिगम, और समाचार पत्रों, सफलता की कहानियों आदि के माध्यम से दृश्यता और पहुंच को बढ़ाना शामिल है.
एशिया प्रशांत का एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क (एआरआईएन-एपी) व्यवसायियों और विशेषज्ञों का एक अनौपचारिक मंच है, जिसका उद्देश्य आपराधिक आय की पहचान, पता लगाने, फ्रीज करने और वसूली में सहयोग को मजबूत करना है. यह नेटवर्क सदस्य अधिकार क्षेत्रों के संपर्क बिंदुओं के बीच सूचनाओं के सीधे आदान-प्रदान को सक्षम बनाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग में तेजी आती है और कानून प्रवर्तन कार्रवाई की प्रभावशीलता बढ़ती है.
वर्तमान में, एआरआईएन-एपी 28 सदस्य क्षेत्राधिकारों और 10 पर्यवेक्षकों को एक साथ लाता है, जो कैमडेन एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क (सीएआरआईएन) के व्यापक ढांचे के अंतर्गत कार्य करते हैं, जिसमें 100 से अधिक क्षेत्राधिकार शामिल हैं. Enforcement Directorate इस नेटवर्क के अंतर्गत India के लिए नामित नोडल एजेंसी है.
2026 में एआरआईएन-एपी वार्षिक आम बैठक की मेजबानी करके India न केवल एजेंसी-से-एजेंसी के बीच गहन सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि संपत्ति वसूली पर वैश्विक नीति और सर्वोत्तम प्रथाओं को आकार देने में अपनी भूमिका को भी मजबूत करेगा. अध्यक्षता ईडी को वैश्विक पहलों के साथ तालमेल बढ़ाने, अपराध की आय से निपटने में मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने और वित्तीय अपराधों एवं धन शोधन से निपटने में India की विशेषज्ञता को साझा करने में सक्षम बनाएगी.
बता दें कि गृह मंत्रालय ने भी सभी केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों को अपराध की आय से प्राप्त संपत्तियों की पहचान के लिए एआरआईएन-एपी के मंच का उपयोग करने की सलाह दी है. एआरआईएन-एपी में ईडी की भागीदारी, एफएटीएफ, जी20 और ग्लोबई नेटवर्क जैसे अन्य बहुपक्षीय मंचों में India की भागीदारी का पूरक है और हमारे इस विश्वास को दर्शाती है कि वित्तीय अपराध से अलग-थलग रहकर नहीं लड़ा जा सकता. ये घटनाक्रम वित्तीय और संगठित अपराध को रोकने के लिए India के धन-आधारित दृष्टिकोण को भी दोहराते हैं, जिसके तहत अपराधियों को उनके अवैध लाभ से वंचित किया जाता है. ये India के उस दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित करते हैं जो भगोड़े आर्थिक अपराधियों के विरुद्ध 9-सूत्री एजेंडा के माध्यम से प्रकट होता है, जिसे India ने पहली बार 2018 जी20 शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किया था और 2023 में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की India की अध्यक्षता के दौरान एमएलए और संपत्ति वसूली पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया गया था.
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डीकेपी/
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