कोलकाता, 5 सितंबर . भाजपा नेता दिलीप घोष ने Friday को पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों के बाद चुनाव होने जा रहे हैं और ममता बनर्जी को अब अपनी हार साफ दिखाई दे रही है, इसलिए वो लोगों की आवाज दबाने पर आमादा हैं. वो अपने विरोध में उठने वाली हर आवाज को कुचल देना चाहती हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसा करने से पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति उनके पक्ष में हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज प्रकरण के विरोध में डॉक्टरों ने मोर्चा खोला, तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. इसके अलावा State government अन्य अधिकारियों पर दबाव दे रही है. सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में कोई भी उनकी आलोचना करने वाला नहीं रहे. शिक्षकों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. लेकिन, ममता की पुलिस ने शिक्षकों के खिलाफ भी बदसलूकी की.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को यह समझना होगा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोधी इसलिए होते हैं, ताकि वो सरकार की खामियों को जनता के बीच रख सकें. लेकिन, यह दुख की बात है कि ममता बनर्जी किसी की भी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं. उन्होंने तो प्रदेश में अजब किस्म की परिस्थिति पैदा कर दी है. वो अब लोकतंत्र के मूल ढांचे को ही तबाह करने पर आमादा हो चुकी हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी के मन में हार का डर हावी हो चुका है, इसलिए अब वो तानाशाही विचारधारा से प्रेरित होकर काम कर रही हैं. लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस बार जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल करने का पूरा मन बना लिया है. ममता बनर्जी की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि उनके मन में जो आता है, वो बोल देती हैं, वो किसी भी विषय की गंभीरता को समझ नहीं पा रही हैं.
उन्होंने ‘द बंगाल फाइल्स’ फिल्म को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आज की तारीख में लोग सिनेमा हॉल में फिल्म नहीं देख पाएंगे, तो कोई बात नहीं. लेकिन, ऑनलाइन देख लेंगे. वैसे मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल के लोगों को ‘द बंगाल फाइल्स’ फिल्म देखने की जरूरत नहीं है, वो खुद ही फिल्म की घटनाओं को अपने राज्य में घटते देख रहे हैं.
दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अराजकता की स्थिति है. आए दिन महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं. लोग ऐसे व्यवहार कर रहे हैं, जैसे सरकार का शासन नहीं है. लोग इस सरकार से त्रस्त हैं.
उन्होंने तेजस्वी यादव को लेकर कहा कि अगर उन्हें लग रहा है कि वो राहुल गांधी को अपने राज्य में बुलाकर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति अपने पक्ष में कर पाएंगे, तो मैं स्पष्ट कर दूं, यह उनकी गलतफहमी है.
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एसएचके/एबीएम