अफगानिस्तान में बीती रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप ने कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है. इस भूकंप का केंद्र समनगान प्रांत में मजार-ए-शरीफ शहर से 51 किलोमीटर और खुल्म शहर से 23 किलोमीटर दूर था. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, यह झटका जमीन से करीब 28 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया.
समनगान प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 140 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. मनगान और बाल्ख प्रांतों के कई गांवों में भारी नुकसान की खबरें हैं. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
इस भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में मजार-ए-शरीफ भी शामिल है, जहां स्थित मशहूर ‘रौज़ा मुबारक’ यानी हजरत अली की दरगाह को भी नुकसान पहुंचा है. इस ऐतिहासिक दरगाह की सजावटी टाइलें और ईंटें गिर गईं, और आसपास का इलाका मलबे से भर गया. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि मजार की दीवारों पर दरारें आ गई हैं और नीले गुंबदों से टाइलें टूटकर गिरीं.
बाल्ख प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता हाजी ज़ैद ने बताया कि ‘मजार-ए-शरीफ की मस्जिद और आसपास की कई इमारतों को भारी नुकसान हुआ है. कई लोग घायल हुए हैं और कुछ की जान भी गई है. यह हमारे लिए दुखद दिन है.’
मुस्लिम समुदाय में मायूसी
हज़रत अली की मजार इस्लामी दुनिया में एक आस्था का केंद्र मानी जाती है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु जियारत के लिए पहुंचते हैं. भूकंप से हुई तबाही की खबर फैलते ही दुनियाभर के मुसलमानों में गहरा दुख और मायूसी फैल गई. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा और पुनर्निर्माण की अपील की है.
इस भूकंप के झटके ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के अलावा भारतीय राजधानी दिल्ली तक महसूस किए गए. USGS की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में पांच आफ्टरशॉक्स भी दर्ज किए गए, जिनमें सबसे तेज़ 5.2 तीव्रता का था.
USGS ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
USGS ने इस भूकंप के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो ‘महत्वपूर्ण मानव और आर्थिक क्षति’ की चेतावनी देता है. रिपोर्ट के अनुसार, यह एक क्षेत्रीय आपदा साबित हो सकती है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर राहत अभियान की आवश्यकता होगी.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मजार-ए-शरीफ में रहने वाली एक रिटायर्ड टीचर रहीमा ने बताया, ‘हम सब गहरी नींद में थे, तभी पूरा घर हिलने लगा. मेरे बच्चे चीखते हुए सीढ़ियों से नीचे भागे. मैंने ऐसा भूकंप पहले कभी नहीं झेला.’ उन्होंने बताया कि उनके घर की खिड़कियां टूट गईं और दीवारों की प्लास्टर उखड़ गया.
अफगानिस्तान में इस साल अगस्त में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप में 2,200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि अक्टूबर 2023 में पश्चिमी अफगानिस्तान में आए एक और 6.3 तीव्रता के भूकंप में 2,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
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