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पवन सिंह को लेकर` पूर्व केंद्रीय मंत्री का चौंकाने वाला खुलासा, BJP में एंट्री को लेकर क्लियर किया सब कुछ

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आरा: लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह और भोजपुरी गायक व अभिनेता पवन सिंह के बीच पैदा हुई तल्खी अब खत्म हो गई है। हाल ही में इन दोनों नेताओं की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जिसके बाद अब आरके सिंह ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि उनके और पवन सिंह के बीच के मतभेद दूर हो गए हैं।

आरके सिंह ने सार्वजनिक रूप से पवन सिंह को दोबारा भाजपा में शामिल होने का न्योता दिया है।

आरके सिंह का बयान

लगभग छह महीने बाद आरा लौटे पूर्व सांसद आरके सिंह शनिवार को नागरी प्रचारणी सभागार में आयोजित चंद्रवंशी जिला सम्मेलन में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।

अपने संबोधन में आरके सिंह ने भाजपा द्वारा किए गए कार्यों की खूब प्रशंसा की और एसआईआर (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है, जबकि वोटर कार्ड से नाम जोड़ने या काटने की प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और जिला पदाधिकारी द्वारा ही पूरी की जाती है।

वापस आने का दिया न्योता

लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह पर लगातार हमलावर रहे आरके सिंह ने अब अपना रुख पूरी तरह बदल लिया है। उन्होंने कहा कि पवन सिंह को दोबारा भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पवन सिंह ने उनसे मुलाकात की और उन्हें अपनी परेशानी बताई। आरके सिंह ने कहा कि पवन सिंह हमारे पास आए थे और उन्होंने मुझे बताया कि उनके साथ क्या हुआ। उन्हें पहले भाजपा ने टिकट दिया था, लेकिन बाद में चुनाव लड़ने से मना कर दिया गया और कहा गया कि उन्हें कहीं और से टिकट दिया जाएगा। जब उन्हें कहीं और से भी टिकट नहीं मिला, तो इससे किसी भी इंसान को थोड़ा दर्द होता है

पवन सिंह की एंट्री

आरके सिंह ने कहा कि जब पवन सिंह ने उन्हें अपनी पूरी बात समझाई, तो वह उनकी भावना को समझ पाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पवन सिंह को फिर से भाजपा के साथ रहना चाहिए और उन्हें पार्टी में वापस आ जाना चाहिए। आरके सिंह के इस बयान से यह साफ हो गया है कि दोनों नेताओं के बीच की दूरियां अब खत्म हो चुकी हैं और भाजपा एक बार फिर से पवन सिंह को पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर रही है। इस बयान से यह भी संकेत मिल रहा है कि भाजपा आगामी चुनावों में पवन सिंह की लोकप्रियता का लाभ उठाना चाहती है।

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