कहते हैं चेहरा इंसान के मन की हालत बयां कर देता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि केवल आपकी नाक ही यह बता सकती है कि आपकी जिंदगी में कितना तनाव चल रहा है. जी हां, आपकी नाक का तापमान आपके मानसिक हालात का आईना बन सकती है. हाल ही में किए गए रिसर्च में यह पाया गया है कि जब इंसान तनाव में होता है, तो शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव आता है, जिसका सीधा असर नाक पर पड़ता है.
कैसे नाक बताएगी टेंशन का हाल
जब दिमाग किसी परेशानी या चिंता में उलझा होता है, तो शरीर खुद को अलर्ट मोड में ले आता है. इस स्थिति में ब्लड फ्लो जरूरी अंगों जैसे दिल और दिमाग की ओर बढ़ जाता है और चेहरे की सतह पर, खासकर नाक पर, यह कम हो जाता है. इसी वजह से नाक ठंडी महसूस होती है. जैसे ही तनाव कम होता है, ब्लड फ्लो सामान्य हो जाता है और नाक का तापमान फिर से गर्म हो जाता है, या सामान्य हो जाता है.
जानवरों पर भी होती है लागू
यह बात सिर्फ इंसानों पर ही नहीं, बल्कि जानवरों पर भी लागू होती है. कई रिसर्च में पाया गया है कि घोड़े, कुत्ते या बिल्ली जैसे जानवरों की नाक का तापमान भी उनके मूड या तनाव की स्थिति को दर्शाता है. वैज्ञानिक इसे नॉन वर्बल इंडिकेटर मानते हैं, यानी बिना कुछ कहे शरीर खुद बता देता है कि मन में क्या चल रहा है.
किसके लिए लाभकारी है यह तकनीक
अब सवाल यह है कि इस जानकारी का फायदा कैसे उठाया जा सकता है? दरअसल. यह तकनीक उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है जो अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते, जैसे छोटे बच्चे, बुजुर्ग या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति. यदि किसी की नाक लगातार ठंडी रहती है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह किसी तरह के मानसिक दबाव या चिंता से गुजर रहा है. इससे डॉक्टर या परिजन शुरुआती स्तर पर ही तनाव को पहचानकर सही कदम उठा सकते हैं.
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