भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बीच अब हाइब्रिड टेक्नोलॉजी भी एक मजबूत ऑप्शन बनकर उभर रहा है. इसी लिस्ट में दक्षिण कोरियाई कंपनी Kia अगले 18 महीनों के अंदर भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कॉम्पैक्ट एसयूवी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. कंपनी का ये कदम न केवल कड़े उत्सर्जन मानकों के अनुरूप है, बल्कि भारतीय बाजार में एक ऐसा गैप भी भरेगा जिस पर अब तक जापानी कंपनियों ने ध्यान नहीं दिया है.
कॉम्पैक्ट और बड़ी SUV दोनों की तैयारीमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में सबसे पहले सब फोर मीटर हाइब्रिड कॉम्पैक्ट एसयूवी लाने की योजना बना रही है. इसके साथ ही कंपनी एक दूसरी बड़ी हाइब्रिड एसयूवी पर भी काम कर रही है. हालांकि इन दोनों मॉडलों की लॉन्चिंग टाइमलाइन अभी तय नहीं है लेकिन इसमें बदलाव संभव है.
जापानी कंपनियों से अलग रणनीतिअब तक भारत में टोयोटा और सुजुकी ही हाइब्रिड वाहनों की पेशकश कर रही थी, लेकिन उनका फोकस केवल बड़ी कारों तक ही सीमित रहा. वहीं, घरेलू कंपनियां पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश कर रही हैं. ऐसे में किया का कॉम्पैक्ट हाइब्रिड सेगमेंट में उतरना भारतीय ग्राहकों को नया ऑप्शन देगा और मार्केट में मुकाबला भी बढ़ाएगा.
हाइब्रिड क्यों है खास?भारत में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी पूरी तरह डेवलप नहीं हुआ है और ईवी की कीमतें भी आम ग्राहकों की पहुंच से बाहर है. ऐसे में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी एक प्रैक्टिकल ऑप्शन बनकर सामने आती है. ये तकनीक न केवल फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ाती है, बल्कि ग्राहकों को बैटरी और पेट्रोल दोनों का फायदा देती है. अभी के समय में भारत में हाइब्रिड कारों की हिस्सेदारी यात्री वाहनों के बाजार में महज 2.5% है.यही वजह है कि कॉम्पैक्ट सेगमेंट में हाइब्रिड एंट्री बेहद अहम मानी जा रही है. आने वाले समय में ये कदम भारत के ऑटोमोबाइल बाजार को नए दौर में ले जा सकता है.
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