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H1B की काट में आया K, चीन ने अमेरिका को पछाड़ने के लिए चल दिया दांव; मौका भुनाने की कोशिश

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China K Visa: अमेरिका ने हाल ही में अपने H1B वीजा के नियमों में बदलाव किए हैं. इसको लेकर भारत समेत कई देशों में हड़कंप मचा है. अब चीन ने इसका फायदा उठाते हुए लोगों को रिझाने का एक नया दांव चलाया है. बता दें कि चीन 1 अक्टूबर 2025 से प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करने के लिए K वीजा की घोषणा की है. इसके तहत वीजा धारकों को कई सुविधाएं दी जाएंगी.

इन लोगों को मिलेगा K वीजा
रविवार 21 सितंबर 2025 को जारी एक एक ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक चीन ने टेक्नोलॉजी, साइंस, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) के सेक्टर में विश्व के युवाओं और प्रतिभाशाली पेशेवरों के लिए K वीजा कैटगरी शुरू करने का ऐलान किया है. इस फैसले के मुताबिक इस वीजा नियम में विदेशियों के चीन में एंट्री-एग्जिट के प्रशासन संबंधी नियमों में संशोधन किया गया है.

H1B वीजा का चीनी वर्जन है K वीजा?
चीन का यह वीजा 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा. पर्यवेक्षक K वीजा सिस्टम को अमेरिका के H1B वीजा का चीनी वर्जन बता रहे हैं. इसलिए भी क्योंकि इसे ऐसे मौके पर पेश किया गया है जब दुनियाभर में H1B वीजा नियमों में बदलाव को लेकर हलचल मची है. चीनी न्याय मंत्रालय के मुताबिक K वीजा उन विदेशी युवा टेक्नोलॉजी प्रतिभाओं और वैज्ञानिकों के लिए होगा, जिन्होंने चीन या विदेश के किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी या रिसर्च इंस्टीट्यूट से STEM सेक्टर में बैचलर डिग्री या कोई हायर डिग्री ली है. चीन का यह वीजा सिस्टम भारतीय टैलेंट के लिए नया दरवाजा बन सकता है खासतौर पर उनके लिए जो रिसर्च या टीचिंग फील्ड में चीनी इंस्टीट्यूट से जु़ड़ना चाहते हों.

K वीजा में क्या सुविधा मिलेगी?
बता दें कि चीन के सामान्य वीजा के मुकाबले K वीजा में लंबी वैधता, मल्टीपल एंट्री और ज्यादा समय तक वहां ठहरने की सुविधा दी गई है. साथ ही अधिकतर वर्क वीजा की तरह इस वीजा में किसी चीनी संस्था, नियोक्ता या नियुक्ति पत्र की कोई आवश्यकता नहीं होगी. वहीं K वीजा पाने वाले चीन में प्रवेश लेने के बाद यहां की संस्कृति, विज्ञान और टेक्नीकल इवेंट्स में हिस्सा ले सकते हैं. इसके अलावा वे बिजनेस और इंडस्ट्री से जुड़े काम भी कर सकते हैं. इसके लिए K वीजा आवेदकों को चीन की ओर से निर्धारित कुछ योग्यताओं और मानदंडों को पूरा करना होगा. साथ ही इससे जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्स भी पेश करने होंगे. फिलहाल चीन की ओर से इन लीगल डॉक्यूमेंट्स की कोई लिस्ट जारी नहीं की गई है. इसकी सूचना बाद में दी जाएगी.

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