नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 22 सितंबर से जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान किया गया है, जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर दुकानदारों ने कीमतें कम नहीं कीं, तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
बाजारों में होगी कड़ी नजर
केंद्र और राज्य जीएसटी विभाग के अधिकारी अब बाजारों में औचक निरीक्षण करेंगे। वे उन 54 सामानों की कीमतों पर नजर रखेंगे, जिन पर जीएसटी कम किया गया है। इनमें सूखे मेवे, स्टेशनरी, किचन के बर्तन, प्रसाधन सामग्री और घरेलू सामान शामिल हैं। अगर दुकानदारों ने टैक्स कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया, तो उनका टैक्स क्रेडिट ब्लॉक हो सकता है। इससे उन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
हर शहर और कस्बे में इन 54 सामानों की मौजूदा कीमतों की सूची तैयार की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश है कि वे बाजारों से कीमतें नोट करें और 22 सितंबर के बाद नई कीमतों से तुलना करें। जहां कीमतें कम नहीं होंगी, वहां दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उपभोक्ताओं की आवाज
लोकलसर्कल्स के एक सर्वे में 319 जिलों के 36,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें 78% लोगों ने कहा कि ब्रांड्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्स कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को मिले। सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि 2018-19 में जीएसटी कटौती के बाद सिर्फ 20% उपभोक्ताओं को कीमतों में कमी का लाभ मिला। 50% लोगों का मानना था कि निर्माता, वितरक या रिटेलर ने फायदा खुद रख लिया। 26% ने निर्माताओं को, 15% ने रिटेलरों को और 9% ने वितरकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
उपभोक्ता संरक्षण और ब्रांड्स की जिम्मेदारी
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत टैक्स कटौती का लाभ न देना ‘अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस’ नहीं माना जाता। लेकिन अब एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी की गैरमौजूदगी में ब्रांड्स की जिम्मेदारी है कि वे यह लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएं। 78% उपभोक्ताओं का कहना है कि ब्रांड्स को एक मजबूत निगरानी सिस्टम बनाना चाहिए, जबकि 13% का मानना है कि यह काम सरकार का है।
जीएसटी काउंसिल का बड़ा फैसला
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में 400 से ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं की दरों में बदलाव किया गया, जो 22 सितंबर से लागू होगा।
रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
पैक्ड फूड, साबुन, शैंपू जैसे रोजमर्रा के सामान पर जीएसटी दरें कम की गई हैं। निर्माताओं और दुकानदारों को निर्देश है कि वे नई दरों की जानकारी विज्ञापन और नोटिस बोर्ड के जरिए ग्राहकों तक पहुंचाएं। दवा विक्रेताओं को भी कहा गया है कि जिन दवाओं पर जीएसटी कम हुआ है, उनकी नई कीमतें दुकानों के बाहर प्रदर्शित करें।
होटल और सेवाएं भी सस्ती
अब 7,500 रुपये प्रतिदिन तक किराए वाले होटल कमरों पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का विकल्प नहीं मिलेगा। जिम, सौंदर्य और शारीरिक प्रसाधन सेवाओं पर भी सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। इसके अलावा, व्यक्तिगत हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।
सरकार का सख्त संदेश
सरकार ने साफ कर दिया है कि टैक्स कटौती का फायदा हर हाल में ग्राहकों तक पहुंचना चाहिए। अगर दुकानदार या ब्रांड्स ने कीमतें कम नहीं कीं, तो सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम आम लोगों को राहत देने और बाजार में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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