19 अक्टूबर को कर्नाटक के चित्तापुर में आरएसएस का रूट मार्च आयोजित होने वाला था, लेकिन इसे अनुमति नहीं दी गई। इस मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय में होगी।
हालांकि, उच्च न्यायालय की गुलबर्गा पीठ ने आरएसएस को 2 नवंबर को चित्तापुर में मार्च निकालने के लिए एक नई याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।
इस बीच, भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांग्रेसियों को सनातनियों से नफरत करने के लिए प्रेरित करती हैं।
पात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान, जिसमें उन्होंने सनातनियों से दूर रहने की बात कही, आरएसएस पर भी एक हमला है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले कहा था कि सत्ता में आने पर वे सनातन को 'नष्ट' कर देंगे। पात्रा ने खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे द्वारा सनातन के खिलाफ की गई टिप्पणियों का भी उल्लेख किया।
संबित पात्रा ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी की पार्टी उन लोगों के प्रति नफरत रखती है जो राष्ट्र के मूल्यों और सनातन परंपराओं की बात करते हैं।
पात्रा ने राहुल गांधी के एक पुराने बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'हम मुसलमानों की पार्टी हैं।' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस 'हिंदू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों को बढ़ावा देती है।
प्रियांक खड़गे की मांग और अदालत का हस्तक्षेप
कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश से आरएसएस को अपने मार्च के लिए कुछ शर्तों के तहत आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई है। चित्तापुर, जो मंत्री प्रियांक खड़गे का निर्वाचन क्षेत्र है, एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है।
यह मार्च पहले 19 अक्टूबर के लिए निर्धारित था, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी। इसके बाद, याचिकाकर्ता अशोक पाटिल ने 2 नवंबर की वैकल्पिक तिथि का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
यह फैसला आरएसएस के कलाबुर्गी संयोजक अशोक पाटिल द्वारा दायर याचिका के बाद आया, जिन्होंने अधिकारियों की निष्क्रियता को चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति एम.जी.एस. कमल ने राज्य सरकार से पूछा कि वे ऐसे आयोजनों को कैसे प्रबंधित करने का इरादा रखते हैं।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को जिला अधिकारियों को फिर से आवेदन जमा करने का निर्देश दिया और अधिकारियों को पुनर्विचार करने के लिए कहा। अदालत ने 24 अक्टूबर को अगली सुनवाई भी निर्धारित की है।
आरएसएस के प्रवक्ता राजेश ने बताया कि 13 अक्टूबर को अनुमति का अनुरोध करने के बावजूद, स्थानीय अधिकारियों ने अंतिम क्षण तक सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'हमने चित्तपुर में पहले भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए हैं और हमें विश्वास है कि 2 नवंबर के लिए अनुमति मिल जाएगी।'
हाल ही में, राज्य सरकार ने सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों का उपयोग आरएसएस जैसे निजी समूहों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
अदालत की अगली सुनवाई यह तय करेगी कि क्या आरएसएस चित्तापुर में अपने प्रस्तावित कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ सकता है।
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